रायपुर: छत्तीसगढ़ में रमन सरकार ने अधोसंरचना विकास पर अधिक जोर दिया है। यही वजह है कि राज्य में सड़कों के निर्माण के साथ पुल पुलियों के निर्माण पर राशि खर्च हो रही है। आधोसंरचना को लेकर सरकार ने विभागीय बजट में बड़ी राशि भी खर्च की है।
इधर चुनाव से पहले राज्य में घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने के साथ सड़कों के निर्माण को लेकर भी अब सख्ती हो रही है। विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने जिलों के दौरे में पहुंच रहे मुख्यमंत्री सीधे सड़क निर्माण की भी समीक्षा कर रहे हैं। इधर कई क्षेत्रों में सड़क निर्माण की धीमी गति की शिकायतों पर मुख्यमंत्री की नाराजगी भी सामने आ रही है।
इस मामले में अफसरों की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्रह कार्रवाई के निर्देश भी दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कई जिलों में निर्माण एजेंसियों की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायतें मिली है। वहीं ठेकेदारों द्वारा कामकाज की सुस्त चाल की शिकायतों को भी गंभीरता से लिया है।
सीएम ने अफसरों को साफ तौर पर कह दिया कि काम नहीं करने वाले ठेकेदारों को कतई रियायत न दी जाए। वहीं उनके कान पकड़कर काम कराने आगे आएं। विशेष तौर पर सुदूर अंचलों और वनांचल ईलाकों में सुस्त कामकाज की शिकायतें सामनेू आई है। बस्तर अंचल में तो ठेकेदार नक्सली दहशत की वजह से काम छोड़कर भागते रहे हैं। इसके चलते भी बड़ी तादाद में स्वीकृत कार्य रूके पड़े हैं। ऐसी स्थिति में इन कार्यों की लागत भी बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने अब काम नहीं करने वाले ठेकेदारेां के खिलाफ सख्त रूख अपनाया हुआ है। कुछ किमी की ही सड़कों के काम दो से तीन साल से अधूरे पड़े होने के मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री की नाराजगी सामने आई है। राज्य सरकार ने कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सड़क निर्माण कार्यों को प्राथमिकता में शामिल किया है। विशेष तौर पर वनांचल क्षेत्रों के अंदरूनी गांवों को मुख्यालय से जोड़ने की नीति तय की गई है।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट