रायपुर : छत्तीसगढ़ में चुनावी तैयारियों और लोक सुराज अभियान के जरिए फील्ड में जाने से पहले ही बड़ा प्रशासनिक बदलाव हो सकता है। प्रशासनिक सर्जरी के जरिए मुख्यमंत्री रमन सिंह भरोसेमंद और वरिष्ठ अफसरों को अहम विभागों की कमान सौंप सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से लौटते ही इस पर मुहर लग जाएगी।
इधर राज्य में आईएएस और आईपीएस अफसरों को केन्द्रीय प्रतिनियिुक्ति पर हरी झंडी मिलने के बाद फिर से वरिष्ठ अफसरों की कमी हो सकती है। सरकार का जोर प्रशासनिक कामकाज और योजनाओं के क्रियान्वयन पर अधिक नजर आ रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री रमन सिंह खुद प्रशासनिक कामकाज और योजनाओं की गति के अलावा अफसरों के कामकाज पर सीधे नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री के फेलो की ओर से उन्हें सभी जिलों में कामकाज की पूरी रिपोर्ट मिल रही है।
इसके बावजूद सरकार और मुख्यमंत्री कोई कसर बाकी छोड़ने के मूड में नहीं हैं। माना जा रहा है कि चुनावी वर्ष में यह सरकार का अंतिम बड़ा प्रशासनिक बदलाव होगा। लोक सुराज अभियान के जरिए भी सरकार पर आम लोगों की शिकायतों को तत्काल निराकरण करने का दबाव होगा। मंत्रालय से जुड़े सूत्र यह भी दावा करते हैं कि इस बार प्रशासनिक सर्जरी में सत्ताधारी दल के सांसदों और विधायकों की पसंद को तवज्जो मिल सकती है।
जिलों में समीकरणों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पसंद के लिहाज से भी अफसर हटाए जा सकते हैं। वहीं पसंदीदा अफसरों को मौका मिल सकता है। शासन स्तर से लेकर निचले स्तर पर मैदानी विभागों में भी नए सिरे से पदस्थापना हो सकती है। मुख्य सचिव के बदलने के बाद नए सीएस भी अपनी अहम टीम में कुछ अनुभवी अफसरों को अहम विभागों में पदस्थ करने के पक्ष में हैं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव मिलकर इस पर अंतिम रायशुमारी करेंगे। विदेश दौरे से लौटते ही इस कवायदें तेज होगी। वहीं विधानसभा के बजट सत्र से पहले ही प्रशासनिक सर्जरी को अमलीजामा पहना दिया जाएगाा।
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