भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित “आजादी के अमृत महोत्सव”कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि व्यवसायों को आक्रामक अल्पकालिक लाभ पाने की संस्कृति से बचना चाहिए और बहीखातों पर पड़ने वाले अत्यधिक जोखिम का आकलन किए बिना ऐसा करना सही नहीं है।दास ने आगे कहा कि कारोबार करने में जोखिम उठाना पड़ता है, लेकिन जोखिम लेने से पहले जरूरी सावधानी पर विचार करना चाहिए।
जानिए और क्या कहा ,
दास ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आरबीआई की जानकारी में कुछ अनुचित व्यापार मॉडल में अनुचित फंडिंग संरचना, परिसंपत्ति देनदारी में असंतुलन जैसे तत्व देखने को मिले हैं।उन्होंने इसके अलावा इस बात पर भी जोर दिया कि वृद्धि के अवसरों और बाजार के रुझानों के बारे में अत्यधिक आशावाद खराब रणनीतिक निर्णयों को जन्म दे सकता है।इस कार्यक्रम में शक्तिकांत दास के साथ कई और बड़ी हस्तियां शामिल हुए जिनमें ,राजस्व सचिव तरुण बजाज और सीबीआईसी के चेयरमैन विवेक जौहरी भी मौजूद थे।