आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने करीब पौने चार साल बाद बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया। मुख्य रूप से बढ़ती मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। खुदरा मुद्रास्फीति पिछले तीन महीने से लक्ष्य की उच्चतम सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। आरबीआई को खुदरा महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है : शक्तिकांत दास
तय कार्यक्रम के बिना हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर बढ़ाने का निर्णय किया। दूसरी तरफ उदार रुख को भी कायम रखा गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल महीने में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है। मार्च महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत रही। रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2018 के बाद पहली बार नीतिगत दर में बढ़ोतरी की है।
महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है : शक्तिकांत दास
तय कार्यक्रम के बिना हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर बढ़ाने का निर्णय किया। दूसरी तरफ उदार रुख को भी कायम रखा गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल महीने में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है। मार्च महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत रही। रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2018 के बाद पहली बार नीतिगत दर में बढ़ोतरी की है।
शेयर बाजार में बढ़ गई बिकवाली
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो डर बढ़ाए जाने के बाद बैंकों की ओर से लोन पर ब्याज दर बढ़ाए जाने का रास्ता भी साफ हो गया है। आरबीआई के इस फैसले से लोन की ईएमआई में वृद्धि हो सकती है यानि सस्ता लोन मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा शेयर बाजार में भी बिकवाली बढ़ गई है। बता दें कि, दोपहर दो बजे के बाद निफ्टी 16,800 अंक के स्तर पर रहा जो कि, एक दिन पहले के मुकाबले 250 अंक या 1.45 फीसदी लुढ़का है। वहीं सेंसेक्स की बात करें तो 950 अंक या 1.65 फीसदी गिरकर 56,030 अंक के स्तर पर पहुंच गया है।
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो डर बढ़ाए जाने के बाद बैंकों की ओर से लोन पर ब्याज दर बढ़ाए जाने का रास्ता भी साफ हो गया है। आरबीआई के इस फैसले से लोन की ईएमआई में वृद्धि हो सकती है यानि सस्ता लोन मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा शेयर बाजार में भी बिकवाली बढ़ गई है। बता दें कि, दोपहर दो बजे के बाद निफ्टी 16,800 अंक के स्तर पर रहा जो कि, एक दिन पहले के मुकाबले 250 अंक या 1.45 फीसदी लुढ़का है। वहीं सेंसेक्स की बात करें तो 950 अंक या 1.65 फीसदी गिरकर 56,030 अंक के स्तर पर पहुंच गया है।