रिजर्व बैंक ने सोमवार को नीतिगत दर में कटौती के संकेत दिये। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केन्द्रीय बैंक जरूरत पड़ने पर हर प्रकार के कदम उठाने को तैयार है। साथ ही उन्होंने तंत्र में नकदी बढ़ाने के और उपायों की भी घोषणा की। रिजर्व बैंक ने सोमवार को अचानक दोपहर में संवाददाता सम्मेलन बुलाये जाने की सूचना दी। इससे बाजार को नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद थी।
दास ने कहा कि रिजर्व बैंक के पास कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति से निपटने को लेकर पर्याप्त नीतिगत उपाय हैं और जरूरत पड़ने पर वह कोई भी ‘उपाय’ करने को तैयार है। नीतिगत दर को 5.15 प्रतिशत में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किये जाने के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘‘कानून के तहत नीतिगत दर में कटौती मौद्रिक नीति समिति की बैठक में होने वाले निर्णय के जरिये होती है लेकिन वह किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहे। मौजूदा परिवेश में उभरती स्थिति के आधार पर उठाये जाने वाले कदम के बारे में निर्णय करेंगे।’’
बाजार में नकदी बढ़ाने के लिये दास ने विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में 23 मार्च को खरीद-बिक्री के जरिये 2 अरब डॉलर डालने की घोषणा की है। इस व्यवस्था में आरबीआई बाजार में डॉलर बेचकर रुपया खरीदता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर रेपो दर पर दीर्घकालीन (एलटीआरओ) एक लाख करोड़ रुपये मूल्य के बांड की खरीद-फरोख्त का एक और दौर शुरू करेगा। आरबीआई ने 16 मार्च को पहला डालर- रुपया खरीद-बिक्री के जरिये 2 अरब डॉलर बाजार में डाले। वहीं एलटीआरओ के तहत वह 14 फरवरी से चार चरणों में एक लाख करोड़ रुपये मूल्य के बांड खरीद चुका है। शीर्ष बैंक ने इस पहल की घोषणा छह फरवरी को नीतिगत समीक्षा में की थी।
रिजर्व बैंक ने अचानक दोपहर में संवाददाता सम्मेलन बुलाये जाने की सूचना दी। बाजार यह मानकर चल रहा था कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में कटौती कर सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई के पास जून तक नीतिगत दर में 0.65 प्रतिशत तक की कटौती की गुंजाइश है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछले 10 दिनों में नीतिगत दर में दोबारा कटौती की और यह शून्य के करीब पहुंच गई है। इसी प्रकार, बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने भी इसी प्रकार का कदम उठाया है। इसको देखते हुए आरबीआई से नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद की जा रही थी।
कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आरबीआइ्र इसका आकलन कर रहा है ओर एमपीसी की अगली बैठक में इस बारे में अनुमान जताया जाएगा। यस बैंक के बारे में दास ने कहा कि यस बैंक संकट के समाधान को लेकर सरकार तथा केंद्रीय बैंक ने त्वरित कदम उठाये हैं। यस बैंक का पुनर्गठन भरोसेमंद और मजबूत है। उन्होंने कहा कि यस बैंक में जमाकर्ताओं का धन पूर्ण रूप से सुरक्षित, बैंक निजी क्षेत्र की इकाई बना रहेगा। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि निजी क्षेत्र के छोटे बैंकों समेत सभी बैंकों की सेहत बेहतर है और यस बैंक मजबूत पुनरूद्धार योजना के अंतर्गत है।