कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते भारी संकट से जूझ रहे म्युचुअल फंड उद्योग को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से बड़ी राहत मिली है। आरबीआई ने म्युचुअल फंड के लिए 50 हजार करोड़ के स्पेशल लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा की। आरबीआई के इस कदम का भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि आरबीआई की इस घोषणा से छोटे निवेशकों की रक्षा होगी। नड्डा ने सोमवार को कहा कि म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए 50,000 करोड़ रुपये के नकद धन की विशेष सुविधा उपलब्ध कराने की आरबीआई की घोषणा से संकट के वर्तमान समय में छोटे निवेशकों के हित की रक्षा करने के केंद्र सरकार के प्रयासों को आगे ले जाने में मदद मिलेगी।
नड्डा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते अर्थव्यवस्था को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी अर्थव्यवस्था के लिए कई चुनौतियां लेकर आया है। इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने कई त्वरित निर्णय लिए हैं। इसे आगे बढ़ाने और छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए आरबीआई की म्युचुअल फंड के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी सुविधा की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं।’’
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि यह उपाय लघु अवधि ऋण कोष के प्रदर्शन को स्थिर करेगा और ऋण (बॉन्ड) बाजार के बारे में निवेशकों की धारणा में सुधार करेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कोरोना वायरस महामारी के चलते नकदी की तंगी से जूझ रही म्युचुअल फंड कंपनियों को राहत देने की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक म्युचुअल फंड कंपनियों की मदद के लिए बैंकों को 50,000 करोड़ रुपये की नकदी की विशेष सुविधा उपलब्ध कराएगा।
हाल में, फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्युचुअल फंड कंपनी के अपनी छह बॉन्ड योजनाओं को बंद करने की घोषणा की थी। ऐसे में रिजर्व बैंक की यह घोषणा काफी अहम है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते पूंजी बाजार में उतार-चढ़ाव से म्युचुअल फंड कंपनियों के पास नकदी की कमी है।