देश की वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने सरकार से अपील की है कि कोरोना वायरस के नये उभरते स्वरूपों के खिलाफ लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए टीके की दूसरी और बूस्टर खुराक के बीच अंतराल नौ महीने से कम करके छह महीने किया जाए।
भारत और एसआईआई की साख को बहुत नुकसान हुआ
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदर पूनावाला ने यह बात कही और टीके के उपयोग के लिए एक वैश्विक समझौते की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि ‘जनता और विरोधियों के इतने शोर-शराबे’ के कारण 2021 की पहली तिमाही में वे टीका निर्यात की प्रतिबद्धता पूरी नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि जब कोविड की दूसरी लहर के दौरान करीब दो महीने तक कोविड रोधी टीके के निर्यात पर पाबंदी लगाई गयी थी तो भारत और एसआईआई की साख को बहुत नुकसान हुआ।
पूनावाला ने यहां एआईएमए के समारोह में कहा, ‘‘अभी (बूस्टर खुराक की) रफ्तार धीमी है क्योंकि हमारा एक नियम है कि आपको दूसरी और तीसरी खुराक के बीच नौ महीने का इंतजार करना होगा। हमने सरकार और इस मामले में विचार-विमर्श कर रहे विशेषज्ञों से अपील की है कि इस अवधि को कम करके छह महीने किया जाए।’’
इसलिए हमें अंतराल को कम करके छह महीने करना होगा
उन्होंने कहा कि समय-सीमा कम करने से उन लोगों को वास्तव में राहत मिलेगी जो विदेश यात्रा करना चाहते हैं। पूनावाला ने कहा, ‘‘अगर आपने अगस्त में खुराक ली है तो ही आप बूस्टर खुराक के पात्र हैं, इसलिए हमें अंतराल को कम करके छह महीने करना होगा। तब अनेक नागरिक खुराक ले पाएंगे।’’ पूनावाला ने कहा कि पूरी दुनिया में दूसरी और बूस्टर खुराक के बीच अंतराल छह महीने या कम है। जब पूछा गया कि क्या कंपनी इस मुद्दे पर सरकार से बातचीत कर रही है तो पूनावाला ने ‘हां’ में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘विशेषज्ञों और सरकार को अपने स्तर पर विचार-विमर्श करना होगा।’’
