पेट्रोल की महंगाई के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) प्रोग्राम के तहत इथेनॉल पर जीएसटी दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। आपको बता दें कि ईबीपी प्रोग्राम के तहत पेट्रोल में इथेनॉल को मिलाया जाता है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है।
मंत्री ने आज बताया कि इथेनॉल की ब्लेंडिंग को बढ़ावा देने के लिए, सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी पर ला दिया है. यह इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) के तहत ब्लेंडिंग के लिए इथेनॉल के लिए किया गया है।
आयातित गैसोलीन पर निर्भरता को घटाने के लिए कई कदम उठाए गए
गन्ने पर बेस्ड फीडस्टॉक जैसे C&B हैवी molasses, गन्ने का जूस, चीनी, चीनी के सिरप से उत्पादित इथेनॉल की खरीदारी कीमत को सरकार तय करती है। इसके साथ अनाज पर आधारित फीडस्टॉक से उत्पादित इथेनॉल की खरीदारी कीमत को सार्वजनिक क्षेत्र की मार्केटिंग कंपनियां सालाना आधार पर तय करती हैं।
सरकार द्वारा आयातित गैसोलीन पर निर्भरता को घटाने के लिए उठाए गए कदमों में घरेलू बाजार में कच्चे तेल में बढ़ोतरी को लेकर कई पहलें शामिल हैं। इनमें जियो- वैज्ञानिक डेटा और उसका आसान एक्सेस देना, नए एक्सपलोरेशन acreage को अवॉर्ड करना, नए डेवलपमेंट acreages से उत्पादन में तेजी लाना और मौजूदा प्रोडक्शन acreages से अधिकतम उत्पादन करना शामिल है।
बयान के मुताबिक, सरकार ने देश में बायोफ्यूल के इस्तेमाल का प्रचार किया है। इसमें कहा गया है कि इसके लिए सरकार ने नेशनल पॉलिसी ऑन बायोफ्यूल (NPB) , 2018 का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें पेट्रोल के साथ ब्लेंड होने वाले इथेनॉल की बढ़ी हुई सप्लाई के लिए बायो-इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए एक से ज्यादा फीडस्टॉक के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।
देश में पेट्रोल में 2025-26 तक 20% इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य
इथेनॉल की सप्लाई पर उठाए गए कदमों की वजह से सरकार ने देश में पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को 2030 से 2025-26 कर दिया है। सरकार ने सेकेंड जनरेशन (2G) इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जीवन योजना को भी नोटिफाई किया था। इसके लिए सरकार ने देश में वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराया था।
सरकार ने पिछले महीने पेट्रोल में मिलाने के लिए गन्ने से निकाले इथेनॉल की कीमतों को 1.47 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिया था। कीमतें दिसंबर से शुरू हो रहे 2021-22 मार्केटिंग ईयर के लिए बढ़ाई गई हैं। सरकार का कहना है कि पेट्रोल में इथेनॉल ज्यादा मिलाने से तेल के आयात का बिल कम होगा और इससे गन्ने के किसानों के साथ शुगर मिल को भी फायदा मिलेगा।