भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के वायरस में एक महत्वपूर्ण प्रोटीन की संरचना के एक हिस्से का पता लगाया है। इससे वायरस के प्रसार, बीमारी की गंभीरता को समझने और एंटीवायरल उपचार पद्धति के विकास में मदद मिल सकती है।
‘करेंट रिसर्च इन वायरोलॉजिकल साइंस’ में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं के मुताबिक कोविड-19 का मौजूदा उपचार केवल लक्षणों के आधार पर होता है जबकि शरीर अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली के जरिए संक्रमण से लड़ता रहता है। अब तक ऐसी कोई एंटीवायरल दवा की पुष्टि नहीं हो पायी है जो कि वायरस के प्रसार को रोके।
आईआईटी मंडी में जैव प्रौद्योगिकी के सहायक प्राध्यापक रजनीश गिरि ने बताया, ‘‘किसी भी वायरस को खत्म करने का एक रास्ता इसके प्रोटीन को निशाना बनाने का है। इस तरह का दृष्टिकोण कोविड-19 वायरस के लिए भी सही है और दुनिया भर में वैज्ञानिक बीमारी के प्रसार और वायरस के खिलाफ प्रभावी दवा विकसित करने के लिए ऐसे प्रोटीन की संरचना को समझने के लिए अध्ययन कर रहे हैं।’’
इस वायरस में 16 नॉन-स्ट्रक्चरल प्रोटीन (एनएसपी1-एनएसपी 16) होते हैं, जिसमें बीमारी पैदा करने के लिहाज से एनएसपी-1 सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। आईआईटी मंडी की टीम ने विभिन्न स्थितियों में वायरस के एनएसपीए की संरचना को समझने के लिए अध्ययन किया।
विभिन्न विश्लेषण के जरिए पता चला कि इस संरचना में परिवर्तन भी होता है। गिरि ने कहा, ‘‘हमारी टीम के अध्ययन में सार्स सीओवी-2 के एनएसपी-1 सी टर्मिनल क्षेत्र को लेकर विश्लेषण किया गया। इससे एनएसपी1 के व्यापक पहलुओं को समझने के बारे में मदद मिलेगी।’’