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अलकतरा घोटाला मामले में RJD नेता इलियास हुसैन को 4 साल की जेल , लालू के है करीबी

रांची सीबीआई कोर्ट ने अलकतरा घोटाले में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन को 4 साल जेल और 2 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साल 1992 के अलकतरा घोटले

रांची सीबीआई कोर्ट ने अलकतरा घोटाले में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन को 4 साल जेल और 2 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साल 1992 के अलकतरा घोटले में सीबीआई के विशेष जज अनिल कुमार मिश्र की कोर्ट ने फैसला सुनाया है।

जानकारी के मुताबिक, रांची स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्र की अदालत ने बिहार के 26 साल पुराने बहुचर्चित अलकतरा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत तीन आरोपितों को दोषी करार देते हुए चार साल जेल की सजा सुनायी है।

आपको बता दे कि इलियास हुसैन फिलहाल बिहार की डिहरी सीट से राजद के विधायक हैं। मामला साल 1992 का है, जब करोड़ों रुपये का अलकतरा घोटाला सामने आया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्र की अदालत ने गुरुवार को ये फैसला सुनाया। इलियास हुसैन राजद के कद्दावर नेता हैं और लालू के काफी करीबी माने जाते हैं।

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इससे पहले 24 सितम्बर को पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन समेत आठ आरोपियों के बयान सीबीआई कोर्ट में दर्ज हुए। 15 सितम्बर को इस मामले में अभियोजन साक्ष्य बंद हो गया था। सीबीआई की ओर से अंतिम गवाह के रूप में मामले के जांच अधिकारी अनिल कुमार सिंह की कोर्ट में गवाही हुई। सीबीआई ने कुल 45 गवाहों को पेश किया।

यह मामला करीब 375 मीट्रिक टन अलकतरा की गड़बड़ी का था। इससे सरकार को 18 लाख रुपये के राजस्व की हानि हुई थी। इस मामले में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन, उनके निजी सचिव सहाबु्द्दीन बेग, सहायक अभियंता शोभा सिन्हा, पीएंडटी के निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुजताबा अहमद समेत आठ लोग आरोपी थे।

वर्ष 1992 से लेकर 1994 के बीच पथ निर्माण विभाग द्वारा चतरा में हल्दिया वाया बरौनी अलकतरा का ट्रांसपोर्टेशन करना था। लेकिन, 375 मीट्रिक टन का ट्रांसपोर्टेशन नहीं हुआ। इससे बिहार सरकार को करीब 18 लाख रुपये के राजस्व की हानि हुई थी। इसके बाद सीबीआई ने वर्ष 1997 में घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी।

सीबीआई ने प्राथमिकी में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन, मंत्री के निजी सचिव शहाबुद्दीन और जनार्दन प्रसाद को आरोपित किया था। घोटाले को लेकर सीबीआइ ने कुल 45 गवाहों को अदालत में पेश किया।

वर्ष 1994-95 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में 39 लाख रुपये का अलकतरा घोटाला मामले में पटना की सीबीआई की अदालत ने पिछले साल जून माह में बरी कर दिया था। यह मामला सुपौल से जुड़ा हुआ था, जहां 39 लाख रुपये के अलकतरा का घोटाला सामने आया था।

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