पटना (जेपी चौधरी) राजद के नेता को अपनी यात्रा के दौरान बिहारवासियों से क्षमा मांग कर यह ऐलान करना चाहिए कि वे अपनी और अपने परिवार की हजार करोड़ की बेनामी सम्पति जिनमें से अधिकांश को आईटी, ईडी आदि ने जब्त कर लिया है, को गरीबों में दान कर देंगे। उन्हें अपने पिता के चारा घोटाले के लिए भी माफी मांगनी चाहिए जिन्हें अब तक एक नहीं तीन-तीन कोर्ट से सजा मिल चुकी है।
उन्हें यह ऐलान करना चाहिए कि राजद अब लालू प्रसाद के पदचिन्हों पर नहीं चलेगा। राजद नेता को अपनी यात्रा के दौरान बिहारवासियों को बताना चाहिए कि किस तरह से 28 साल की उम्र में वे 30 से अधिक सम्पतियों के मालिक बन गए। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि इन सम्पतियों के अर्जन में उनकी कोई सहभागिता नहीं रही है बल्कि जब वे नासमझ थे, कोई नौकरी-व्यापार भी नहीं करते थे तब उनके पिता ने उनके नाम से बेशुमार सम्पतियां लिखवा दी।
बिहारवासियों से राजद नेता को इसलिए भी क्षमा मांगनी चाहिए कि उनके पिता ने न केवल चारा घोटाला किया बल्कि दूसरे घोटालाबाजों को भी संरक्षण दिया। राजद को कोर्ट द्वारा दी गयी सजा को स्वीकार कर लालू प्रसाद को दोषी मान लेना चाहिए। उन्हें यह भी ऐलान करना चाहिए कि राजद अब लालू प्रसाद को अपने से अलग कर उनके पदचिन्हों पर भी नहीं चलेगा।
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