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कृषि कानूनों पर केंद्र का ‘बैकफुट’ किसानों और मेरी पत्नी की जीत : रोबर्ट वाड्रा

केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों पर लिए गए बैकफुट पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रोबर्ट वाड्रा ने कहा कि यह किसानों और उनकी पत्नी की भी जीत है जो “दिन-रात लड़ाई लड़ती रही हैं।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रोबर्ट वाड्रा ने रद्द किए गए कृषि कानून के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। केंद्र सरकार द्वारा तीन विवादस्पद कृषि कानूनों पर लिए गए बैकफुट को किसानों की जीत बताते हुए वाड्रा ने कहा कि यह जीत उनकी पत्नी की भी है जो “दिन-रात किसानों के लिए लड़ाई लड़ती रही हैं।”
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रोबर्ट वाड्रा ने कहा कि “यह किसानों की और मेरी पत्नी (प्रियंका) की भी जीत है क्योंकि मुझे पता है कि प्रियंका ने किसानों के लिए दिन-रात प्रयास किया है। मैं पिछले साल नवंबर से किसानों के लिए खाना भेज रहा हूं। मैं जब भी जहां भी गया किसान मेरी कार के पास इस उम्मीद से दौड़ते हुए आए कि कोई उनकी बात सुन ले।”
टिकैत के आंदोलन खत्म नहीं करने के फैसले को वाड्रा का समर्थन
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत द्वारा आंदोलन खत्म नहीं करने के फैसले का समर्थन करते हुए रोबर्ट वाड्रा ने कहा, टिकैत जी ने किसानों से कहा कि वे आंदोलन खत्म न करें क्योंकि उन्हें सरकार पर विश्वास नहीं है। क्या ये कानून वापस लिए जाएंगे? मैं जानता हूं कि प्रियंका और राहुल किसानों के साथ खड़े थे और कांग्रेस उनके साथ खड़ी थी और यह उनकी जीत है।”
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गुरु नानक जयंती पर किए गए इस ऐलान को कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीतिक लाभ करार दिया है। वहीं रोबर्ट वाड्रा ने इसपर उम्मीद जताई है कि कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा।
बता दें कि मोदी सरकार पिछले साल कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लाई थी। लेकिन कई किसान संगठन इन कानूनों का लगातार विरोध कर रहे थे। किसान आंदोलन को एक वर्ष पूरा होने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रकाश पर्व के दिन इन विवादस्पद कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। किसान संगठनों के इस आंदोलन को कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों का पूर्ण रूप से समर्थन मिल रहा था।
संसद के आगामी सत्र में शुरू होगी कृषि कानूनों की वापसी प्रक्रिया 
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की कि इन तीनों कानूनों को निरस्त किया जाएगा और इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। मैं सभी आंदोलन किसान साथियों से आग्रह कर रहा हूं कि अब आप अपने-अपने घर और खेतों की तरफ लौटें। आपदा के समय ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को आसानी से मुआवज़ा मिल सकें इसके लिए पूराने नियम बदले गए। बीते 4 सालों में एक लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का मुआवज़ा हमारे किसानों को मिला है।

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