आज विजयादशमी के शुभ अवसर पर महाराष्ट्र के नागपुर में एक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें कई नेता समेत आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए थे। इस दौरान भागवत ने जनता को संबोधित करते हुए कई मुद्दों पर बड़ा बयान दिया है, जिनमें जनसंख्या नियंत्रण कानून से लेकर देश में बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा शामिल है।
बढ़ती जनसंख्या की वजह से बन रहे नए देश
मोहन भागवत का कहना था कि जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए ऐसा कानून बनाना चाहिए, जो सभी के लिए एक समान हो। किसी में कोई भेद-भाव नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि बढ़ती जनसंख्या की वजह से आज नए देश बन रहे है। उन्होंने कुछ देशों के नाम भी गिनाए है, जिनमें इंडोनेशिया से ईस्ट तिमोर, सुडान से दक्षिण सुडान व सर्बिया का नाम शामिल है।
सभी के लिए नियम हो लागू : भागवत
एक रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'हमें जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए एक थोड़ निति बनानी होगी। हमे लोगों को उस कानून का पालन करने के लिए तैयार कराना होगा। उन्हें इसके मायने समझाने होंगे। तब जाकर यह सफल हो सकता है। आज बढ़ती जनसंख्या की वजह से कई देश बन रहे है। जब भी किसी देश में जनसांख्यिकी असंतुलन होता है तब-तब उस देश की भौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है। इसलिए हमें जल्द इसके लिए कानून बनाना होगा, जो सभी के लिए बराबर हो।
वही, मोहन भागवत ने अपने बयान में बेरोजगारी पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सरकार को देश में उद्यमिता की प्रवृति बढ़ानी चाहिए। क्योंकि, सभी लोग सरकारी नौकरी करना चाहते है। उन्हें नौकरी से मतलब है। उसके लिए युवा इधर-उधर भागते रहते है, जबकि कुल मिलाकर 20 से 30 प्रतिशत ही नौकरी होती है। सभी को नौकरी नहीं मिल सकती ना ? इसलिए हमे उद्यमिता बढ़ानी होगी। लोग अपना काम करेंगे और दूसरों को भी रोजगार देंगे।