बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) जल्द ही ऐसे वकीलों के खिलाफ नियमों का गठन करेगी, जो कथित तौर पर हड़ताल में शामिल हुए थे, सोशल मीडिया के माध्यम से वकीलों को काम से दूर रहने के लिए उकसाया और अदालती कार्यवाही में भाग लेने से इनकार कर दिया। बीसीआई ने शुक्रवार को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ को बीसीआई के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि उसने इस संबंध में सभी बार काउंसिल के साथ बैठक बुलाई है। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीआई के इस प्रस्ताव की सराहना की।
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मनन कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि ‘हमने बीसीआई के साथ सभी बार काउंसिल की बैठक बुलाई। हम हड़ताल और बहिष्कार को रोकने के लिए नियम बनाने का प्रस्ताव करते हैं और बार एसोसिएशन के सदस्यों को उचित औचित्य के बिना हड़ताल पर जाने के लिए दंडित करने के लिए नियम बना रहे हैं।’
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वकीलों की हड़ताल के मुद्दे से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बीसीआई अध्यक्ष की मदद मांगी थी। शुक्रवार को पीठ इस मुद्दे से निपटने के लिए लिए गए एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी। जिसमें बीसीआई ने इस प्रस्ताव को रखा। बीसीआई की ओर से पेश प्रस्ताव की सराहना करते हुए, पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई स्थगित कर दी क्योंकि काउंसिल पहले ही मामले को जब्त कर चुकी है।