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चीनी विदेश मंत्री को एस जयशंकर का सख्त जवाब – गलवान में जो कुछ हुआ वह चीन की ‘साजिश’

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़पों में 20 भारतीय जवानों के मारे जाने के बाद दोनों मंत्रियों की टेलीफोन पर बातचीत हुई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसके लिए पूरी तरह बीजिंग को कसूरवार ठहराया।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की और इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने के लिहाज से मतभेदों को सुलझाने के लिए संचार और समन्वय मजबूत करना चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को दिए गए कठोर संदेश में बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में हुई अप्रत्याशित घटना का द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़पों में 20 भारतीय जवानों के मारे जाने के बाद दोनों मंत्रियों की टेलीफोन पर बातचीत हुई है। इसे पिछले पांच दशक में दोनों देशों के बीच सबसे बड़ी सैन्य झड़प बताया जा रहा है और भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसके लिए पूरी तरह बीजिंग को कसूरवार ठहराया। 
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीन समकक्ष वांग यी से आज फोन पर बातचीत में कहा चीनी सैनिकों ने “पूर्व नियोजित कार्रवाई” की, जो सीधे लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार को हुई झड़प के लिए जिम्मेदार थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई। विदेश मंत्री ने कहा इस घटना का “द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा” और चीन को अपने फैसलों पर सोचने और सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता थी। 
दोनों मंत्रियों ने डी-एस्केलेटिंग तनाव के एक नोट पर हस्ताक्षर किया, जिसमें कहा गया कि “न तो पक्ष मामलों को आगे बढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई करेगा और इसके बजाय, द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार शांति और शांति सुनिश्चित करेगा। 
चीन के विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमतियों का पालन करना चाहिए तथा मौजूदा माध्यमों से सीमा के हालात को उचित तरीके से संभालने के लिए संचार और समन्वय को मजबूत करना चाहिए ताकि सीमावर्ती क्षेत्र में संयुक्त रूप से अमन-चैन बनाकर रखा जा सके। 
बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने गलवान घाटी में झड़प के कारण बनी गंभीर स्थिति से सही तरीके से निपटने पर, दोनों पक्षों के बीच सैन्य स्तर की बैठकों में आम-सहमति के संयुक्त अनुपालन पर, यथासंभव जल्द से जल्द जमीनी हालात शांत करने पर और दोनों देशों के बीच अब तक हुए समझौते के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने पर सहमति जताई। 
भारत ने मंगलवार को कहा था कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदलने की चीनी पक्ष की कोशिश का नतीजा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के जवान हताहत हुए हैं और यदि उच्च स्तर पर पहले हो चुके समझौते का चीनी पक्ष ईमानदारी से पालन करता तो इस स्थिति से बचा जा सकता था। 

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