खेल एवं युवा मामलों के राज्य मंत्री कीरेन रीजीजू ने शनिवार को यहां कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण के गांधीनगर स्थित परिसर में पैरा खिलाड़ियों के लिए एथलेटिक्स, भारोत्तोलन, बैडमिंटन और तैराकी के लिए वैश्विक मानकों के साथ प्रशिक्षण केंद्र तैयार किया जायेगा। रीजीजू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस केन्द्र में नियमित एथलीटों के लिए सुविधाओं में भी सुधार होगा।
रीजीजू ने कहा,‘‘ हम साई केन्द्रों में कई पैरा खिलाड़ियों को देखते हैं। साई के गांधीनगर केन्द्र में पैरा एथलीटों पर विशेष ध्यान देते हुए एक केंद्र खोलने जा रहे हैं जिसमें उच्च प्रदर्शन प्रशिक्षण की सुविधाएं होगी।’’ खेल मंत्री ने कहा, ‘‘इस साई केन्द्र में नियमित एथलीटों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बेहतर बनाया जाएगा। हमने दो छात्रावासों को भी मंजूरी दी है, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 300 है। हर डेढ़ महीने में एक छात्रावास की आधारशिला रखी जाएगी।
जल्द ही दूसरा छात्रावास भी बनेगा।’’ रीजीजू ने कहा कि हम विश्व खेलों जितने पदक जीतते है हमारी क्षमता उससे कहीं ज्यादा है। खेलों में हमारी क्षमता को बढ़ाने के लिए नीति, प्रशासनिक और जमीनी स्तर पर बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने पर काम कर रही है कि अधिक से अधिक खिलाड़ी 2020 के तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करें और देश को अधिक पदक मिले।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ विश्व खेलों में भारत की स्थिति के बारे में हमें पता है। मुझे हालांकि लगता है कि हमने जो पदक जीते हैं हमारी क्षमता उससे कहीं ज्यादा की है। सिखाने, प्रशिक्षित करने और क्षमता बढ़ाने के लिए नीति, प्रशासनिक और जमीनी स्तर पर बहुत कुछ बदलने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इससे पहले हमारे लिये यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि कितने खिलाड़ी 2020 तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करते हैं और हम कितने पदक जीत सकते हैं।
हम इस पर पेशेवर तरीके से काम कर रहे हैं।’’ रीजीजू ने कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने के लिए अधिकतम संख्या में खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करने का फैसला किया है ताकि उन्हें अनुभव मिले। उन्होंने कहा कि कम उम्र में प्रतिभाओं की पहचान करने और उसको निखारने का प्रयास किया गया।