लुधियाना- मानसा : दो दिन पहले श्रीनगर के देवसरा इलाके स्थित नवबुग्ग में आतंकियों से मुकाबले के दौरान शहीद हुए पंजाब के 21 वर्षीय सिपाही मनजिंदर सिंह का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर मानसा जिले के गांव बणांवाली में वीरवार की दोपहर को गांव की देहरी परे पहुंचा तो उसके परिवारिक सदस्यों के अलावा आसपास के दर्जनों गांवों के लोग दर्शन करने के लिए आए हुए थे। गांव के सरपंच ने बताया कि मनजिंदर सिंह 2 साल पहले ही सिख रेजीमेंट में भर्ती हुआ था और बुधवार को पाकिस्तानी आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वह शहीद हो गया। जबकि मरने से पहले उसने हिज़बुल आतंकवादी शौकत अहमद के साथ उसने डटकर मुकाबला किया।
मुकाबले में आतंकवादी शौकत अहमद मारा गया जबकि सिर पर गोली लगने से मनजिंद्र सिंह गंभीर रूप से जख्मी हेा गया था और उसे तत्काल सैन्य अस्पताल में दाखिल करवा दिया गया जहां जख्मों की पीड़ा ना सहते हुए छोटी ही उम्र में देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी। वह किसान परिवार से संबंधित था और सेना में भर्ती होने के बाद परिवार में खुशी का माहौल था। इस दौरान मनजिंद्र सिंह की शादी की तैयारी चल रही थी कि अचानक शहादत के उपरांत गांव में मातम छा गया।
इस दौरान शहीद मनजिंदर सिंह की जयघोष करते हुए लोगों ने उसे भारत मां का सच्चा बेटा करार दिया। अंतिम संस्कार से पहले 10 सिख रेजीमेंट के जवानों ने उसे बड़े अदब व सत्कार के साथ सलामी दी। इस दौरान गमगीन माहौल उस वक्त देशभक्ति के रंग में रंग गया जब शहीद की मां कर्मजीत कौर-बाप गुरमेल सिंह और पठानकोट में आर्मी में तैनात बड़ा भाई भूपिंद्र सिंह समेत अन्य पारिवारिक रिश्तेदारों ने दाया हाथ उठाकर सैलूट किया। इस मौके पर सेना के अधिकारी और जवानों के अलावा सिविल प्रशासन और सियासी पार्टियों के आगुओं समेत इलाके के सम्मानित लोग भी पहुंचे हुए थे।
उन्हें श्रद्धांजलि देने मानसा के डिप्टी कमिश्नर धर्मपाल गुप्ता व सेना के अधिकारी भी पहुंचे। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें गर्व है कि गांव का लाल देश के लिए शहीद हुआ। शहीद के पिता गुरमेल सिंह और मां कर्मजीत कौर ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है।
– सुनीलराय कामरेड