उन्होंने आगे कहा कि फारुक अब्दुल्ला जैसे बड़े नेता भी पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत कर रहे हैं। जबकि, भारत सरकार कई बार स्पष्ट कर चुकी है कि बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते। पात्रा ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए इन नेताओं के बयान को अनुचित और दुखद बताते हुए कहा कि विपक्षी 'आईएनडीआई' गठबंधन सैफुद्दीन सोज और फारुक अब्दुल्ला जैसे नेताओं का बहिष्कार करने की बजाय पत्रकारों का बहिष्कार कर रहा है, जो लोकतंत्र के इतिहास में कभी नहीं हुआ।