सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और पूर्व सॉलीसीटर जनरल एन संतोष हेगड़े ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में विद्यार्थियों के शामिल होने पर कड़ी असहमति जतायी और प्रदर्शनों के आयोजकों पर छात्रों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त ने कहा, ‘‘इन प्रदर्शनों के पीछे जो कोई भी है, वे जिस किसी भी कारण से विद्यार्थियों को सड़कों पर उतार रहे हैं, उससे मुझे बहुत दुख हुआ है। मेरे हिसाब से इससे गलत संदेश जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब यह विषय सुप्रीम कोर्ट में है, ऐसे में संबंधित दोनों पक्षों की दलीलों के गुण-दोष पर चर्चा करने की जरूरत नहीं हैं लेकिन इस प्रदर्शन में विद्यार्थियों को घसीटने का जो तरीका है। उनमें से बहुतों को यह भी पता नहीं है कि विषय क्या है।’’ हेगड़े ने आरोप लगाया कि इन प्रदर्शनों के पीछे जिन लोगों का हाथ है, वे विद्यार्थियों का दुरूपयोग कर रहे हैं।
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उन्होंने अफसोस प्रकट किया कि जो विद्यार्थी अपने जीवन में अबतक कोई राय नहीं बना पाये हैं, उन्हें इन मुद्दों में घसीटा जा रहा है। कर्नाटक के पूर्व महाधिवक्ता ने कहा कि यदि छात्र छात्रावास के शुल्क में वृद्धि या अन्य चीजों का विरोध करते तो वह समझ सकते थे क्योंकि ये बातें अभिभावकों को प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्टत: जो लोग इसके पीछे हैं उनकी इस बारे में बहुत ही सुनियोजित योजना है। यह कोई स्वत: स्फूर्त तो है नहीं। आप मुझसे लिखकर ले लीजिए कि यह स्वत:स्फूर्त नहीं है।’’