संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को निलंबित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार चढूनी पर राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात और खुद अपनी तरफ से कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप लगा है। चढूनी को संयुक्त किसान मोर्चा की सबसे मुख्य 7 सदस्यीय कमेटी से भी अलग कर दिया गया है। जिसके बाद उन्हें 19 जनवरी को को केंद्र सरकार से होने वाली बैठक से भी बाहर रखा जाएगा।
इस फैसले के बाद चढूनी ने कहा, यह संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप नहीं बल्कि एक व्यक्ति का आरोप हो सकता है। और ये आरोप कक्का जी (शिवकुमार सिंह) का जो खुद आरएसएस के एजेंट हैं। वे लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा के प्रमुख रहे। वे फूट डालो और राज करो की कोशिश कर रहे हैं।
SC की टिप्पणी पर बोले राकेश टिकैत-हम झगड़ा नहीं, गण का उत्सव मनाएंगे
सफाई देते हुए उन्होंने कहा, कई राजनीतिक लोग हमारे पास आते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम उनका दुरुपयोग कर रहे हैं या इसके विपरीत। हम कभी किसी को मंच पर नहीं ले गए। जो लोग हमारे खिलाफ हैं वे भी यहां आते हैं। अगर वे यहां हमारा समर्थन करने आएंगे, तो हम उन्हें बाहर नहीं करेंगे बल्कि उनका स्वागत करेंगे।
गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र जिला के उपमंडल शाहबाद के गांव चढूनी में रहने वाले भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी किसानों की आवाज लगातार उठाते रहते है। तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों को एकत्रित करने में गुरनाम सिंह चढूनी की अहम भूमिका रही है। गुरनाम सिंह चढूनी पर अब तक 34 मामले दर्ज हो चुके है। इनमें प्रदर्शन करने, शांति भंग करने, हत्या व हत्या का प्रयास के तहत मामले दर्ज किए गए है। किसान आंदोलनों के दौरान गुरनाम सिंह चढूनी कई बार जेल भी जा चुके है।