भारत सरकार ने पवित्र हज यात्रा के लिए इस साल मिले सारे आवेदनों को रद्द कर दिया है। इस बड़े फैसले के पीछे सरकार का तर्क है कि सऊदी अरब की ओर से हज यात्रा को सीमित किए जाने के बाद भारत की हज कमेटी ने इस साल की यात्रा के लिए प्राप्त सारे आवेदन को रद्द करने का ऐलान किया है। दरअसल, सऊदी अरब ने कहा है कि कोरोना वायरस के चलते इस साल की हज यात्रा 60,000 लोंगों तक ही समिति होगी और ये सभी स्थानीय होंगे।
सऊदी अरब ने शनिवार को अपनी सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी में यह घोषणा की। इस निर्णय के लिए हज और उमराह मंत्रालय का हवाला दिया है। मंत्रालय ने कहा कि हज यात्रियों के लिए टीका लगवाना अनिवार्य है। बयान में कहा गया है, ‘सऊदी अरब इस बात की पुष्टि करता है कि उसने हाजियों के स्वास्थ्य व सुरक्षा और उनके देशों की सुरक्षा के बारे में निरंतर विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया है।’
बता दें कि पिछले साल, सऊदी अरब में पहले से रह रहे लगभग एक हजार लोगों को ही हज के लिये चुना गया था। सामान्य हालातों में हर साल लगभग 20 लाख मुसलमान हज करते हैं। बयान में कहा गया है कि इस साल हज जुलाई के मध्य में शुरू होगा। इसमें 18 से 65 साल की आयु के लोग हिस्सा ले सकेंगे।
मक्का में हज के लिए हर साल 20 लाख से अधिक लोग पहुंचते हैं, जिनमें कई विदेश से आते हैं। कोरोना वायरस के फैलने से पहले साल 2019 में लगभग 2 लाख भारतीय मुसलमानों ने हज किया था। लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सऊदी अरब ने यात्रियों की संख्या को सीमित कर दिया है।