स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने करोड़ों ग्राहकों को राहत दी है। SBI ने खाते में मंथली एवरेज बैलेंस (AMB) न रखने वाले पर लगने वाले चार्ज में बड़ी कटौती कर दी है। बैंक ने चार्ज में 75 फीसदी तक कमी की है। ये कटौती सेविंग अकाउंट पर लागू होगी। नई दरें 1 अप्रैल 2018 से लागू होंगी. ऐसे में अब किसी भी कस्टमर को 15 रुपए से ज्यादा पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी। अभी तक यह अधिकतम 50 रुपए थी।
SBI ने कहा कि उसने यह फैसला तमाम हितधारकों की ओर से मिलने वाली प्रतिक्रियाओं के आधार पर लिया है। अब मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में खाते में मंथली एवरेज बैलेंस (AMB) न रखने पर 50 के बजाए 15 रुपए प्रतिमाह का चार्ज देना होगा। उसी तरह अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में यह चार्ज 40 से घटाकर 12 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। वहीं 10 रुपए का जीएसटी भी एक निश्चित स्थिति में लागू होगा। आपको बता दें कि खाते में एवरेज बैलेंस (AMB) न रखने पर शुल्क लगाए जाने के SBI के फैसले का तीखा विरोध हुआ था।
बैंक के रिटेल और डिजिटल बैंकिंग के एमडी पीके गुप्ता ने कहा कि हमारे ग्राहकों की भावना और उनके फीडबैक को लेने के बाद हमने ये कदम उठाया है। उनके मुताबिक बैंक अपने ग्राहकों के हितों का ध्यान पहले रखता है। बैंक के इस कदम से 25 करोड़ खाताधारकों को फायदा होगा। अभी SBI में करीब 41 करोड़ सेविंग अकाउंट हैं। इसमें 16 करोड़ खाते प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए हैं। बैंक ने ग्राहकों को मुफ्त में रेगुलर सेविंग अकाउंट को बेसिक सेविंग अकाउंट में बदलने की सुविधा भी दी है।
SBI ने हाल ही में डिपॉजिट रेट और लेंडिंग रेट में बढ़ोतरी की थी। और SBI ने लोन की दरें 0.25 फीसदी तक बढ़ा दी थी। SBI ने MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड आधारित लेंडिंग रेट) की दरों में बढ़ोतरी की थी। इसी दर को आधार बनाकर बैंक लोन देते हैं। इसके चलते होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन जैसे सभी लोन महंगे हो गए।
SBI ने 3 साल की MCLR दरों को 8.10 फीसदी से बढ़ाकर 8.35 फीसदी किया था। इसी तरह दो साल की MCLR दरों को 8.05 फीसदी से बढ़ाकर 8.25 फीसदी कर दिया था। एक साल की MCLR दर 7.95 फीसदी से बढ़कर 8.15 फीसदी हो गई है। अप्रैल 2016 के बाद पहले बार SBI ने दरों में बढ़ोतरी की थी।
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