माकपा नेता यूसुफ तारिगामी ने आज कहा कि 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने को लेकर शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) जम्मू- कश्मीर में अपने मकसद को संबद्ध विभागों की गलत नीतियों तथा नीतियों के दोषपूर्ण क्रियान्वयन के कारण हासिल नहीं कर सका है।
उन्होंने कहा कि इस मिशन की दो शाखाएं हैं जो स्वच्छ भारत मिशन -ग्रामीण तथा स्वच्छ भारत मिशन-शहरी, लेकिन राज्य में इस मिशन का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है और यह भी काफी दुर्भाज्ञपूर्ण है कि इस मिशन के संचालकों ने जो पैमाने तय किए थे वे राज्य में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
यूसुफ तारिगामी ने कहा कि राज्य सरकार घरों, अस्पतालों और शैक्षिक संस्थानों में सफाई व्यवस्था के क्षेत्र में काफी लचर साबित हुई है और यह योजना दो अक्टूबर 2014 को शुरू हुई थी लेकिन अपने लक्ष्यों को हासिल करने में असफल सिद्ध हुई है।
कईं मामले ऐसे हैं जहां शौचालयों के निर्माण की अनुमति दी जा चुकी है लेकिन लाभार्थियों को धनराशि का अभी तक आवंटन नहीं हो सका है।
उन्होंने कहा कि इस योजना को शुरू किए हुए चार वर्ष हो चुके हैं लेकिन इसकी उपलब्धियां राज्य में नहीं के बराबर हैं। शुरू में इस योजना के लिए जो शोर मचाया गया था और अभियान के दौरान फोटों खिंचवाने में तो मानो होड़ सी लग गई थी लेकिन धरातल पर यह योजना शून्य साबित हुई है। जम्मू- श्रीनगर में चारों तरफ कूड़े के ढेर, भरी हुई नालियां यह बताती है कि अधिकारी इसे लेकर कितने लापरवाह हो सकते हैं।
यूसुफ तारिगामी ने कहा कि समय रहते सरकार को जाग जाना चाहिए और केन्द, प्रायोजित इस योजना के निम्न क्रियान्वयन के मूल कारण को खोजना चाहिए।
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