गुजरात में रिक्त हुई राज्यसभा की दो सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली प्रदेश कांग्रेस की याचिका पर उच्चतम न्यायालय 19 जून को सुनवाई करेगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी की वरिष्ठ नेता स्मृति ईरानी के क्रमश: गांधीनगर और अमेठी से लोकसभा पहुंचने के बाद गुजरात से राज्यसभा की दो सीटें खाली हो गई हैं।
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अवकाश पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार करते हुए पीठ ने इसपर 19 जून (बुधवार) को सुनवाई करने की हामी भरी। अमरेली से कांग्रेस विधायक और गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेशभाई धनानी ने न्यायालय में याचिका दायर कर दोनों उपचुनाव साथ कराने का निर्देश चुनाव आयोग को देने का अनुरोध किया है।
चुनाव आयोग की ओर से 15 जून को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दोनों सीटों के लिए चुनाव पांच जुलाई को ही होने हैं।
हालांकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि राज्यसभा सहित दोनों सदनों की सभी रिक्तियों पर उपचुनाव के लिए उन्हें ‘अलग-अलग रिक्तियां’ माना जाएगा और अलग-अलग अधिसूचना जारी की जाएगी तथा चुनाव भी अलग-अलग होंगे। हालांकि इनका कार्यक्रम समान हो सकता है।
लेकिन गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग का फैसला ‘असंवैधानिक’ है और भाजपा ने उपचुनाव अलग-अलग कराने के लिए चुनाव आयोग पर दबाव डाला है। चावड़ा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि राज्यसभा के लिए उपचुनाव अलग-अलग ही होते हैं, इसलिए चुनाव आयोग ने अलग-अलग अधिसूचना जारी करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में अमित शाह को गृह मंत्रालय जबकि स्मृति ईरानी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सौंपा गया है।