सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि पुरुष और महिला अधिकारियों के साथ सामान व्यवहार होना चाहिए। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और अजय रस्तोगी की पीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया।
पीठ ने केंद्र से कि वह लिंग के आधार पर महिला अधिकारियों की सेवा में कोई भेदभाव नहीं कर सकती है, और सरकार से तीन महीने के भीतर महिला अधिकारियों की सेवा करने के लिए स्थायी कमीशन देने को कहा है। बता दें कि नौसेना से पहले भारतीय सेना में भी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन को लेकर कोर्ट अपना फैसला सुना चुका है।
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गौरतलब है कि इस मामले को लेकर 17 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा था कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाए क्योंकि सशस्त्र बलों में लिंग आधारित भेदभाव खत्म करने के लिए सरकार की ओर से मानसिकता में बदलाव जरूरी है।
कोर्ट का यह आदेश केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के सितंबर 2015 के एक फैसले के खिलाफ दायर अपील पर आया जिसमें कहा गया था कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए विचार करने से रोकने का कोई ठोस कारण नहीं था। हालांकि केंद्र सरकार ने पहले ही कह चुका था कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए तैयार है।