हैदराबाद एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है। हम इस मामले में निष्पक्ष जांच चाहते हैं। कोर्ट ने कहा की अगले आदेश तक कोई अन्य कोर्ट या प्राधिकरण इस मामले में पूछताछ नहीं करेगा।सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया कि मामले में पहले से ही जांच चल रही है।
ऐसे में दो अलग-अलग जांच की जरूरत नहीं है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की मेडिकल और फॉरेंसिक रिपोर्ट मांगी है। तेलंगाना पुलिस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के मामले की जांच की निगरानी करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश को पहले नियुक्त किया है और एक जज जांच नहीं कर सकते है।
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मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले में फिलहाल SIT की जांच चल रही है। इस पर कोर्ट ने सहमति जताते हुए कहा, राज्य सरकार ने जांच के लिए जो SIT का गठन किया है वो चलती रहेगी। उन्होंने ये भी कहा कि अगर जज को लगता है कि किसी पहलू की जांच नहीं हुई तो वो जांच अपने हिसाब से करवा सकते हैं।
कोर्ट ने कहा कि अगर आप पुलिस वालों के खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल चलाते है तो हम कोई आदेश नहीं जारी करेंगे, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते तो हम जांच का आदेश देंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा की फाइनल ऑर्डर आने तक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर रोक बरकरार रहेगी।