सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले के दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन को सोमवार को खारिज कर दिया। इस मामले की सुनवाई जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण ने चैंबर में की।
दोषी पवन ने घटना के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी हो चुका है जिसके तहत 3 मार्च यानि कल सुबह 6 बजे दोषियों को फांसी होगी।
बावजूद इसके पवन ही एक मात्र दोषी है, जिसके पास अभी कुछ कानूनी विकल्प बचे थे। लेकिन अब उसके पास सिर्फ दया याचिका का ऑप्शन बचा है। पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि अब हम राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करेंगे। इस वजह से फांसी टल सकती है।
दोषियों को फांसी देने के लिए जेल प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी हो चुकी है। इसी सिलसिले में मेरठ का पवन जल्लाद एक बार फिर तिहाड़ जेल दिल्ली पहुंच गया है। जल्लाद पवन मानवरूपी पुतलों को फांसी पर लटकाने का अभ्यास करेगा। बता दें कि पवन जल्लाद इससे पहले भी दोषियों को फांसी देने के लिए तिहाड़ जेल में बुलाया गया था। उसने उस समय भी मानवरूपी पुतलों को फांसी पर लटकाने का अभ्यास किया था। लेकिन ऐन वक्त पर फांसी टलने से पवन को वापस लौटना पड़ा था।