चर्चित तहलका पत्रिका के संस्थापक तरुण तेजपाल से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सुनवाई के लिए और समय बढ़ाने की मांग की गई थी। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि गोवा की जिला अदालत इस मसले पर पहले ही तेजपाल को रिहा करके सुनवाई पूरी कर चुकी है तो इस मामले में और वक्त जायर करने की जरूरत नहीं है।
गोवा के मापुसा की अदालत ने 21 मई को तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक तेजपाल को यौन उत्पीड़न के मामले में बरी कर दिया। तेजपाल के साथ काम कर चुकीं एक महिला सहयोगी ने नवंबर 2013 में गोवा के पांच सितारा होटल की लिफ्ट में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जब वह वहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गयी थीं। मामले में राज्य ने भी एक अपील दाखिल की है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में निचली अदालत के न्यायाधीश के आग्रह पर यौन उत्पीड़न मामले में सुनवाई पूरी करने की तारीख 31 मार्च 2021 कर दी थी। गोवा सरकार ने भी शीर्ष अदालत का रुख कर सुनवाई पूरी होने के लिए समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति विनीत सरण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने मामला बंद करते हुए कहा, ‘‘सुनवाई पूरी हो चुकी है, अब आदेश की जरूरत नहीं है।’’