कश्मीरी पंडितों की हत्या और पलायन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करने से SC का इनकार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

कश्मीरी पंडितों की हत्या और पलायन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करने से SC का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीरी पंडितों की हत्या और पलायन को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीरी पंडितों की हत्या और पलायन को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने और उचित उपाय तलाशने की अनुमति दी। याचिका टीका लाल टपलू के बेटे आशुतोष टपलू ने दायर की। टीका लाल टपलू को जेकेएलएफ आतंकवादी ने 1989 में मौत के घाट उतार दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर आशुतोष टपलू ने अपनी याचिका वापस ले ली। उनके द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि 32 साल बीत गए हैं, परिवार को यह भी नहीं पता कि मामले में किस तरह की जांच हुई। परिवार को एफआईआर की कॉपी तक नहीं दी गई।
पहले भी सुनवाई से हो चुका है इनकार
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीरी पंडितों की हत्याओं की एसआईटी से जांच कराने की मांग को लेकर दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और सी.टी. रविकुमार ने एनजीओ ‘वी द सिटिजन्स’ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से केंद्र सरकार के समक्ष शिकायतें उठाने के लिए कहा। 
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता बरुन कुमार सिन्हा ने पीठ से कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को उजागर करने वाली उनकी दलीलों पर सुनवाई करने का आग्रह किया। पीठ ने कहा कि उन्हें केंद्र से संपर्क करना चाहिए। मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने पर सहमति जताई। पीठ ने वकील को केंद्र सरकार और संबंधित अधिकारियों के समक्ष एक प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी। 
याचिका में घाटी से पलायन करने वालों के पुनर्वास के लिए निर्देश देने और 1989-2003 के बीच हिंदू और सिख समुदायों के नरसंहार को बढ़ावा देने वालों की पहचान करने के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की गई थी। ‘रूट्स इन कश्मीर’ द्वारा दायर एक क्यूरेटिव पिटीशन भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसमें 1989-90 के दौरान कश्मीरी पंडितों की कथित सामूहिक हत्याओं और नरसंहार की सीबीआई या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की गई। 
संगठन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि क्यूरेटिव पिटीशन के समर्थन में वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह द्वारा एक प्रमाण पत्र जारी किया गया है। क्यूरेटिव पिटिशन में सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार पर 2018 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया गया है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 × 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।