सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 6 राज्यों के मंत्रियों द्वारा दायर की गयी पुनर्विचार याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है, इन मंत्रियों ने याचिका में दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट छात्रों के जीने के अधिकार को सुरक्षित करने में विफल रही है और उसने कोरोना महामारी के दौरान परीक्षाओं के आयोजन में आने वाली परेशानियों को नजरअंदाज किया है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जो दोनों परीक्षाएं आयोजित करती है, 1 सितंबर से 6 सितंबर तक जेईई मेन परीक्षा आयोजित करेगी, जबकि नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी। जस्टिस अशोक भूषण, बी आर गवई और कृष्ण मुरारी की एक बेंच चैंबरों में समीक्षा याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया हैं।
पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले इन मंत्रियों में पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड से रामेश्वर ओरांव, राजस्थान से रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ से अमरजीत भगत, पंजाब से बी एस सिंधु और महाराष्ट्र से उदय रविंद्र सावंत शामिल है। यह याचिका अधिवक्ता सुनील फर्नांडिस के माध्यम से दायर की गई है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को इस साल सितंबर में निर्धारित मेडिकल एवं इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं – नीट और जेईई के आयोजन के मामले में हस्तक्षेप करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि जीवन चलते रहना चाहिए और विद्यार्थी वैश्विक महामारी के चलते अपना बहुमूल्य साल बर्बाद नहीं कर सकते।