न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, ''हमें इस बात को (कानून की कसौटी पर) परखने की जरूरत है कि भूषण का भ्रष्टाचार को लेकर दिया गया बयान अदालत की अवमानना का मामला बनता है या नहीं? इस प्रकार इस मामले की सुनवाई करना जरूरी है।'' न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख मुकर्रर की। भूषण ने अदालत कक्ष में फिर से परम्परागत तरीके से सुनवाई शुरू होने के बाद मामले को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया, लेकिन इसे ठुकरा दिया गया।