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CAA प्रदर्शन में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में SC ने हर्ष मंदर से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के आरोपों पर शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर को जवाब देने का निर्देश दिया है। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने घृणा फैलाने वाले भाषण दिये हैं। चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसने मंदर को अवमानना का नोटिस जारी नहीं किया है और वह इस मामले की 5 अप्रैल को सुनवाई करेगी। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दायर अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट और उसके न्यायाधीशों के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए हर्ष मंदर के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया था। हर्ष मंदर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि उन्होंने इस कार्यकर्ता के नाम से दिये गये बयान का अवलोकन किया है और उन्हें इनमें कुछ भी अपमानजनक या आपत्तिजनक नहीं मिला है।

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वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस दलील का विरोध किया और कहा कि उन्हें इसी तरह का एक और बयान मिला है जो आपत्तिजनक है और न्यायपालिका के लिए अपयशकारी है। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा के खिलाफ कथित रूप से नफरत पैदा करने वाले भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिये 10 दंगा पीड़ितों की याचिका चार मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट भेज दी थी।

इन दंगों में 40 से अधिक व्यक्तियों की जान चली गयी थी। सुप्रीम कोर्ट  ने हालांकि मंदर द्वारा दायर याचिका अपने पास रोक ली थी। इस याचिका में मंदर ने उच्च न्यायालय द्वारा मामले को लंबे समय के लिये स्थगित करने को चुनौती दी थी। मंदर ने याचिका में कथित रूप से नफरत पैदा करने वाले भाषण देने नेताओं के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने का अनुरोध भी किया है।

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वहीं  न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दे दी। सुनवाई के दौरान हर्ष मंदर की ओर से पेश दुष्यंत दवे ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जो आपत्तिजनक हो। मेहता ने कहा कि हर्ष मंदर की आपत्तिजनक टिप्पणी वाली दूसरी वीडियो भी सामने आई है, जिसकी ट्रांस्क्रिप्ट कॉपी अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर दी गई है।

दवे ने कहा कि मंदर के भाषण में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि हर्ष मंदर विदेश में हैं, इसलिए आज उनकी तरफ से लिखित जवाब दायर नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने कहा कि वह सबरीमला मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद इस मामले को 15 अप्रैल को सुनेगा। इस बीच न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को हर्ष मंदर की दूसरी हेट स्पीच को लेकर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।