सीलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अनाधिकृत कालोनियों में निर्माण पर पूरी तरीक़े से रोक लगा दी है। अनाधिकृत कालोनियों की संख्या 1797 है और कोर्ट ने सरकार से डिटेल रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले में टास्क फोर्स अपना काम करती रहेगी और अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी।
आपको बता दे कि स्पेशल टास्क फोर्स को आदेश दिया है कि दो हफ्ते में पब्लिक रोड और फुटपाथ से कब्जे हटाए जाएं। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अवैध कॉलोनियों नें सात-सात मंजिलें कैसे बनाई जा रहीं हैं। अगर नियमित कॉलोनियों में बिल्डिंग बाईलॉज हैं तो अवैध कालोनियों में क्यों नहीं है। अवैध कालोनियों में ऐसे निर्माणों को इजाजत क्यों दी जा रही है?
वहीं केंद्र ने कहा कि 1797 अनाधिकृत कॉलोनियों में से 1218 को प्रोविजनल मंजूरी दी गई है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून का राज खत्म हो गया है। अदालत ने सरकार को कहा कि हलफनामा दाखिल कर कह दीजिए कि हम कानून का पालन नहीं कर सकते। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि आप अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर रहे है। इसका मतलब है कि आप अवैध काम को बढ़ावा दे रहे है, मसलन लोग अवैध निर्माण करते रहे और आप उनको नियमित कर रहे है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि 2009 से लेकर अब तक पूरी दिल्ली में भूमिगत पानी का स्तर क्या है? कहां भूजल का स्तर गिरा है और कहां बढ़ा है।
वहीं केंद्र ने कहा कि 1797 अनाधिकृत कालोनियों में से 1218 को प्रोविजनल मंजूरी दी गई है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून का राज खत्म हो गया है। अदालत ने सरकार को कहा कि हलफनामा दाखिल कर कह दीजिए कि हम कानून का पालन नहीं कर सकते।
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