सुप्रीम कोर्ट नीट (NEET) और जेईई (JEE) परीक्षाओँ को लेकर गैर-बीजेपी शासित राज्यों के छह मंत्रियों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगा। इन मंत्रियों ने याचिका में दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट छात्रों के जीने के अधिकार को सुरक्षित करने में विफल रही है और उसने कोरोना महामारी के दौरान परीक्षाओं के आयोजन में आने वाली परेशानियों को नजरअंदाज किया है।
वहीं 13 सितंबर से होने वाली NEET परीक्षा नीट को स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं द्वारा इस नई याचिका को लेकर सोशल मीडिया पर साझा की गयी जानकारी के अनुसार नीट परीक्षा स्थगित करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट में रजिस्टर्ड और वेरीफाइड कर लिया गया है और इस पर सोमवार, 7 सितंबर 2020 सुनवाई हो सकती है।
पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले इन मंत्रियों में पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड से रामेश्वर ओरांव, राजस्थान से रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ से अमरजीत भगत, पंजाब से बी एस सिंधु और महाराष्ट्र से उदय रविंद्र सावंत शामिल है। यह याचिका अधिवक्ता सुनील फर्नांडिस के माध्यम से दायर की गई है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को इस साल सितंबर में निर्धारित मेडिकल एवं इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं – नीट और जेईई के आयोजन के मामले में हस्तक्षेप करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि जीवन चलते रहना चाहिए और विद्यार्थी वैश्विक महामारी के चलते अपना बहुमूल्य साल बर्बाद नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने सायंतन बिश्वास की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें नीट और जेईई दोनों परीक्षाओं का आयोजन करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को ये परीक्षाएं टालने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। कोर्ट ने कहा था कि याचिका सुनवाई करने लायक नहीं है।