सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर नफरत से भरे इस्लामोफोबिया के संदेशों पर रोक और कार्रवाई की मांग वाली पीआईएल पर सुनवाई एक हफ्ते टाल दी है और मामले की सुनवाई टालते हुए प्रधान न्यायधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि वह नए आइटी नियमों को पढ़कर पूरी तैयारी से आएं उसके बाद मामले की सुनवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि कोर्ट ने याचिका पर खुद बहस कर रहे याचिकाकर्ता वकील ख्वाजा अइजाजुद्दीन से कहा कि क्या आपने नए आइटी नियम पढ़े हैं? आप जो मांग कर रहे हैं उसमें ये चीज है? वकील ने कहा कि नए आइटी नियमों में इस चीज को कवर नहीं किया गया है जिसकी वह मांग कर रहा है। नए आइटी रूल में धर्म का कोई ज़िक्र नहीं है।
जस्टिस रमना ने कहा कि आइटी रूल दिखाइए कहां है। वकील ने कहा कि नए आइटी रूल को उसने फाइल में नहीं लगाया है। कोर्ट का अगला सवाल था कि क्या आप अपनी मांग के बारे में सरकार के पास गए थे। जिसपर वकील ने जवाब दिया नहीं। पीठ ने कहा कि तो फिर आपकी इस याचिका पर कोर्ट क्यों सुनवाई करे। वैसे भी तब्लीगी जमात के मामले में पहले से एक याचिका सुप्रीम कोर्ट मे लंबित है तो फिर इस नई याचिका पर क्यों सुनवाई की जाए।
वकील ने कहा कि उस लंबित मामले में तबलीगी जमात के बारे में मीडिया रिपोर्टिग का मुद्दा है, जबकि उनकी याचिका उससे भिन्न है। वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि उनकी याचिका पर नोटिस जारी कर दिया जाए और इसे भी तब्लीगी जमात के मामले में दाखिल याचिका के साथ सुनवाई के लिए जोड़ दिया जाए। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि आप पूरी तैयारी के साथ होमवर्क करके और आइटी नियम पढ़ कर आइये। यह कहते हुए कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी।