कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाया गए लॉकडाउन के दौरान प्रसारित हो रही अफवाहों और अपुष्ट खबरों पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस मामलें में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया को निर्देश दिया है कि वह पूरी तरह से जिम्मेदारी का निर्वाह करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार की फेक न्यूज या अपुष्ट खबरें का प्रचार और प्रसार न हो पाए।
कोर्ट का है कि शहरों से बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूरों का पलायन फेक न्यूज और अपुष्ट खबरों की वजह से हुआ है, जिसमें बार-बार कहा जा रहा था कि देश में लॉकडाउन तीन महीने के लागू किया गया है। कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि इस तरह की खबरों पर हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे सकते, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करना पड़ा, जिससे लोगों को असहनीय पीड़ा हुई , यहां तक कि कुछ लोगों की जान तक चली गई।
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सुप्रीम कोर्ट ने मजदूराकें के पलायन से संबंधित मामले में सुनवाई के दौरान अपने आदेश में साफ किया है कि वो इस महामारी के बारे में विचार-विमर्श करने से किसी को रोक नहीं रहे हैं, लेकिन यह सुनिश्चित होना चाहिए कि इस महामारी में सरकार द्वारा जारी की गई सूचना को ही प्रसारित किया जाए।