राजस्थान और मध्यप्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर आज उससे अनुरोध किया है कि विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज से जुड़े अपने 18 जनवरी के फैसले को वह वापस ले ले। कोर्ट के 18 जनवरी के फैसले के आधार पर 25 जनवरी को पूरे देश में फिल्म प्रदर्शित करने की अनुमति मिल गई है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने फिल्म के प्रदर्शन से जुड़े न्यायालय के आदेश में संशोधन की मांग करने वाली दोनों राज्यों की अंतरिम अर्जी पर सुनवाई के लिए कल की तारीख मुकर्रर की है। राज्यों ने दावा किया है कि सिनेमैटोग्राफ कानून की धारा छह उन्हें कानून-व्यवस्था के संभावित उल्लंघन के आधार पर किसी भी विवादित फिल्म के प्रदर्शन को रोकने का अधिकार देता है।
फिल्म के निर्माता वायकॉम 18 की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे ने ऐसे मामले में अंतरिम अर्जी पर त्वरित सुनवाई का विरोध किया। हालांकि कोर्ट ने मामले की सुनवाई कल करने को मंजूरी दे दी है। न्यायालय ने अपने 18 जनवरी के आदेश के जरिए पूरे देश में 25 जनवरी को फिल्म रिलीज करने का रास्ता साफ कर दिया था।
अपने आदेश में उसने गुजरात और राजस्थान में फिल्म के प्रदर्शन पर लगी रोक को स्थगित कर दिया था। इस संबंध में हालांकि हरियाणा और मध्यप्रदेश ने कोई औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं की है, लेकिन उन्होंने कहा है कि राज्यों में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होगा।
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