माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में शोधकार्य के लिये जारी होने वाली छात्रवृत्ति की राशि में पिछले कुछ सालों से इजाफा नहीं होने का हवाला देते हुये आरोप लगाया है कि भाजपा-आरएसएस के निशाने पर अब छात्रवृत्ति भी है।
येचुरी ने मंगलवार को विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्रवृत्ति पाने वाले शोधछात्रों के विरोध प्रदर्शन का हवाला देते हुये कहा कि योग्य छात्रों की छात्रवृत्ति भाजपा आरएसएस के निशाने पर सबसे ऊपर है।
उन्होंने ट्वीट कर भाजपा पर आरोप लगाया, “वे (भाजपा) हमारे उन युवाओं द्वारा उठाये जाने वाले जायज सवालों को रोकना चाहते हैं,जिन्हें लिखने पढ़ने के लिये प्रेरित करना चाहिये।” उल्लेखनीय है कि आंदोलनरत शोधछात्रों की दलील है कि छात्रवृत्तियों में साल 2014 से बढ़ोतरी नहीं हुयी है।
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उन्होंने केन्द्र सरकार पर अपने ही लोगों से भयभीत होने का आरोप लगाते हुये कहा “हमारे पास अब एक ऐसी सरकार है जो अपने ही नागरिकों, उनके विचारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके लोकतांत्रिक अधिकार से भयभीत है।”
येचुरी ने हाल ही में विभिन्न जांच एजेंसियों के अधिकार क्षेत्र में कंप्यूटर एवं अन्य संचार उपकरणों की निगरानी को भी शामिल करने के केन्द्र सरकार के हालिया फैसले का जिक्र करते हुये कहा कि सरकार सभी को निगरानी और दखलंदाजीपूर्ण कार्रवाईयों से धमकाना चाहती है।