लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

पराली जलाने का ठोस समाधान तलाशें वैज्ञानिक : PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के वैज्ञानिकों से पराली जलाने की समस्या का ठोस समाधान तलाशने की अपील की। प्रधानमंत्री ने किसानों को

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के वैज्ञानिकों से पराली जलाने की समस्या का ठोस समाधान तलाशने की अपील की। प्रधानमंत्री ने किसानों को भी ऐसी विधि अपनाने को कहा, जिससे कृषि अवशेष का उपयोग करने से अधिक आय अर्जित की जाए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में धान की पराली जलाने से उत्पन्न समस्या का समाधान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन राज्यों में पराली-दहन से राष्ट्रीय राजधानी में घना कोहरा छा जाता है।

मोदी ने कहा कि सरकार ने कृषि उपकरणों पर 50-80 फीसदी अनुदान दिया है, लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा ठोस समाधान तलाशने की जरूरत है।

PM मोदी ने कृषि कुंभ की शुरूआत की, कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी अपनाने पर दिया जोर

प्रधानमंत्री ने यह बात वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय कृषि-कुंभ का उद्घाटन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के कार्यो का असर देश की आर्थिक क्षमता पर पड़ेगा। मोदी ने वैज्ञानिकों को पानी के अधिकतम उपयोग, उर्वरकों के उपयोग में कमी और भंडारण की सुविधा जैसे मसलों पर किसानों से विचार-विमर्श करने को कहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान कृषि अवशेष को धन में परिणत कर सकते हैं, क्योंकि खेतों में जो मिलता है, वह सोने के समान बेशकीमती होता है।

मोदी ने कहा कि सरकार ने डीजल और परंपरागत बिजली से चालित पंपों की जगह सौर ऊर्जा चालित पंप लाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, ‘देश में 28 लाख किसानों को सोलर सिस्टम बांटने का हमारा मिशन है।’

उन्होंने कहा कि किसान जो अन्नदाता है वो ऊर्जादाता बन सकते हैं। किसान बिजली कंपनियों को अपनी व्यक्तिगत जरूरत की बिजली के अतिरिक्त उत्पादित बिजली बेच सकते हैं।

उन्होंने गुजरात का एक उदाहरण दिया जहां सोलर सिस्टम से उत्पादित बिजली बेचकर 50,000 रुपये सालाना कमाते हैं। मोदी ने किसानों से गेहूं की सीधी खरीद कर उनको लाभ पहुंचाने में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यो की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने रिकॉर्ड स्तर पर खाद्यान्नों की खरीद कर किसानों को फायदा पहुंचाया है। मोदी ने कहा कि आदित्यनाथ सरकार ने अपनी पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में सात-आठ गुना ज्यादा फसल की खरीद की है। उन्होंने कहा कि देश के कुल खाद्यान्नों के उत्पादन का 20 फीसदी उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है।

मोदी ने कहा, ‘इस साल उत्तर प्रदेश में करीब 50-55 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई।’ भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, रबी विपणन वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश में 52.94 लाख गेहूं की सरकारी खरीद हुई।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने रबी और खरीफ फसलों के खरीद मूल्य (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में 21 फीसदी का इजाफा किया है।
उन्होंने कहा कि किसानों से सीधी खरीद होने से बिचौलिए की दखल समाप्त हो गई है और किसानों को फायदा मिला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार को किसानों की चिंता है।

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। इस संदर्भ में उन्होंने कच्चे माल की लागत कम करने और मुनाफा बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में बड़ी संख्या में सोलर पंप देशभर के खेतों में लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार विज्ञान के लाभ कृषि क्षेत्र को सुलभ कराने की दिशा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में चावल शोध केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जो इस दिशा में एक अहम कदम है।

प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में मूल्यवर्धन की अहमियत का भी उल्लेख किया। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उठाए जा रहे कदमों का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हरित क्रांति के बाद अब दुग्ध उत्पादन एवं शहद उत्पादन के साथ-साथ पोल्ट्री और मत्स्यपालन पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने इस कृषि कुंभ के दौरान जल संसाधनों के समुचित उपयोग, भंडारण के लिए बेहतर तकनीक अपनाने और खेती-बाड़ी में नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की जरूरत बताई। उन्होंने ऐसी नई तकनीकें व तौर-तरीके विकसित करने की जरूरत पर बल दिया, ताकि आगे चलकर किसानों को पराली जलाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

thirteen + five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।