भारत समेत पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रही है। ऐसे में वैज्ञानिकों की भूमिका काफी अहम हो जाती है और इस संकट के काल में उनके काम को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को वैज्ञानिक समुदाय से मानव जाति के समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिये समाधान प्रस्तुत कर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उत्कृष्ट प्रयास और नवाचार का आह्वान किया।
उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थानों में महिलाओं की अधिक संख्या की वकालत करते हुये उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी संस्थान द्वारा किया गया अनुसंधान समाज के लिये प्रासंगिक होना चाहिये। नायडू ने कहा, ‘‘प्रत्येक वैज्ञानिक को लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उत्कृष्टता और नवाचार का प्रयास करना चाहिए। दूसरे शब्दों में, मानवता के समक्ष जलवायु परिवर्तन, कृषि, स्वास्थ्य एवं दवाइयों जैसी आने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिये वैज्ञानिकों को त्वरित समाधान पेश करना चाहिये।’’
जवाहर लाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र में ‘‘नवाचार एवं विकास केंद्र’’ के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद नायडू ने यहां कहा कि उनका मानना है कि किसी भी संस्थान द्वारा किया गया शोध समाज के लिए प्रासंगिक होना चाहिए, चाहे वह अकादमिक हो या औद्योगिक।
उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, अनुवाद संबंधी शोध महत्वपूर्ण हो गया है और मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि इस संस्थान ने 300 से अधिक पेटेंट तैयार किए हैं और स्वदेशी आविष्कारों के आधार पर कुछ स्टार्टअप की स्थापना को बढ़ावा दिया है।’’ इस कार्यक्रम में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, भारत रत्न प्राध्यापक सी एन आर राव समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थानों में महिलाओं की अधिक संख्या की वकालत करते हुये उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी संस्थान द्वारा किया गया अनुसंधान समाज के लिये प्रासंगिक होना चाहिये। नायडू ने कहा, ‘‘प्रत्येक वैज्ञानिक को लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उत्कृष्टता और नवाचार का प्रयास करना चाहिए। दूसरे शब्दों में, मानवता के समक्ष जलवायु परिवर्तन, कृषि, स्वास्थ्य एवं दवाइयों जैसी आने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिये वैज्ञानिकों को त्वरित समाधान पेश करना चाहिये।’’
जवाहर लाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र में ‘‘नवाचार एवं विकास केंद्र’’ के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद नायडू ने यहां कहा कि उनका मानना है कि किसी भी संस्थान द्वारा किया गया शोध समाज के लिए प्रासंगिक होना चाहिए, चाहे वह अकादमिक हो या औद्योगिक।
उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, अनुवाद संबंधी शोध महत्वपूर्ण हो गया है और मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि इस संस्थान ने 300 से अधिक पेटेंट तैयार किए हैं और स्वदेशी आविष्कारों के आधार पर कुछ स्टार्टअप की स्थापना को बढ़ावा दिया है।’’ इस कार्यक्रम में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, भारत रत्न प्राध्यापक सी एन आर राव समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।