नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से हवाई अड्डों के लिए भूमि आवंटन जैसे मामलों में निजी हस्तक्षेप का अनुरोध किया है ताकि उनके विकास के कार्य में तेज़ी लाई जा सके।
उड्डयन मंत्रालय के एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्रों में सिंधिया ने उनसे संबंधित अधिकारियों को रीजनल एयर कनेक्टिविटी फंड ट्रस्ट में धन जमा करने और अंतरराष्ट्रीय ‘उड़ान’ उड़ान संचालन के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण समर्थन जैसे मामलों पर कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया।
क्षेत्रीय सम्पर्क योजना ‘उड़ान’ के तहत, केंद्र, राज्य सरकारों और हवाई अड्डा संचालकों से वित्तीय प्रोत्साहनों को चुनिंदा एयरलाइनों को दिया जाता है ताकि कम सेवा वाले हवाईअड्डों से संचालन को प्रोत्साहित किया जाए और हवाई किराये को किफ़ायती रखा जाए।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को लिखे पत्र में सिंधिया ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक हवाईअड्डे के विकास के लिए जमीन के कुछ हिस्सों को नहीं सौंपा है। उन्होंने कहा कि तिरुपति हवाईअड्डे के लिए 14.31 एकड़ जमीन की ज़रूरत है।
बयान के अनुसार वहीं अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू को लिखे पत्र में उन्होंने विभिन्न हवाईअड्डा परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण में उनसे हस्तक्षेप की अपील की। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को लिखे पत्र में भी उन्होंने विभिन्न हवाईअड्डों के लिए जमीन अधिग्रहण के प्रति उनका ध्यान आकृष्ट किया।
बयान के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में केंद्रीय मंत्री ने पटना हवाईअड्डे के रनवे विस्तार के लिए 49.5 एकड़ ज़मीन की जरूरत को रेखांकित किया। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे पत्र में सिंधिया ने रायगढ़ में हवाई अड्डे के विकास के लिए 569 एकड़ जमीन की जरूरत से जुड़े मुद्दे को रेखांकित किया ताकि हवाईअड्डे को एटीआर72विमान या क्यू400 विमानों का संचालन करने लायक बनाया जा सके।