इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR ने देशभर में कोरोना वायरस के प्रभाव का निर्धारण करने के लिए सीरो सर्वेक्षण की शुरुआत की थी। इस सर्वेक्षण के पहले दौर के नतीजे जारी करने के बाद अब दूसरे दौर का सर्वेक्षण भी खत्म कर लिया है। अब परिणामों के अंतिम चरण का विश्लेषण किया जा रहा है। परिषद के एक बयान में कहा गया, ICMR के नेतृत्व में देशव्यापी सीरो सर्वेक्षण का दूसरा दौर सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
सीरो सर्वेक्षण उन लोगों के नमूने लेकर किया जाता है जिन्होंने कोरोना के वायरस Sars-Cov-2 के खिलाफ एंटी-बॉडी पैदा कर ली हैं। आईसीएमआर के सूत्रों के अनुसार, सीरो सर्वेक्षण के अंतिम परिणाम महीने के आखिर तक सार्वजनिक कर दिए जाएंगे। सीरो सर्वेक्षण का उद्देश्य यह निर्धारित करना भी है कि मई में (जब देशभर में लॉकडाउन था) पहले सीरो सर्वेक्षण के बाद रोग की व्यापकता कैसे बदल गई है।
21 राज्यों में समान 69 जिलों में 24,000 के करीब नमूनों का परीक्षण किया गया है, जो राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण के पहले दौर में शामिल थे। तमिलनाडु में ICMR का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी, सर्वेक्षण और विश्लेषण परिणामों का पर्यवेक्षण करने वाली नोडल एजेंसी है।
बता दें कि सीरोलॉजिकल टेस्ट या सीरो सर्वे एक तरीके का ब्लड टेस्ट होता है, जो व्यक्ति के खून में मौजूद एंटीबॉडी की पहचान करता है। खून में से अगर रेड ब्लड सेल को निकाल दिया जाए, तो जो पीला चीज़ बाकी रहती है उसे सीरम कहते हैं। इस सीरम में मौजूद एंटीबॉडीज से अलग-अलग बीमारियों की पहचान के लिए अलग-अलग तरह के सेरोलॉजिक टेस्ट किए जाते हैं।