बुरहान वानी मुठभेड़ कांड के एक वर्ष पूरा होने के मद्देनजर कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाई दी गई है आपको बता दे कि कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की पिछले वर्ष 8 July को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
जम्मू & कश्मीर में आतंकवादी बुरहान वानी मुठभेड़ कांड का एक वर्ष पूरा होने पर विरोध प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर घाटी में तैनात जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। Central Home Ministry ने राज्य में कानून व्यवस्था की संभावित चुनौतियों से निपटने खासकर अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर अर्धसैनिक बल के 21 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किये हैं।
घाटी में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की पिछले वर्ष 8 july को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद आतंकी हिंसा से प्रभावित इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इस मुठभेड़ के एक वर्ष पूरा होने पर संभावित प्रदर्शनों से सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था की चुनौतियों का गृह मंत्रालय ने आकलन कर हालात से निपटने की तैयारी कर ली है।
केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने आज कहा कि हम कश्मीर घाटी में हालात को नियंत्रण में रखने के लिये पूरी तरह से तैयार है। इसके लिये केन्द्रीय बलों की 214 कंपनियां भेज कर दी हैं।
जिससे 8 july और फिर अमरनाथ यात्रा के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बहाल रखी जा सके। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की यह संख्या राज्य पुलिस बल से अतिरिक्त है। अर्धसैनिक बल की एक कंपनी में 100 जवान होते है।
केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि कश्मीर घाटी में अशांति की आशंका के मद्देनजर सभी संभावित खतरों का विश्लेषण कर एहतियाती कदम उठाये गये हैं। इस बाबत कश्मीर घाटी में किसी भी स्थिति से निपटने के लिये पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गयी है।
राज्य के 4 जिले पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग में बुरहान वानी की मौत के बाद पिछले एक साल से हिंसा की चपेट में आ गये हैं।
इन जिलों में पिछले पांच महीनों के दौरान आतंकवादी हिंसा में 2 पुलिसकर्मियों सहित 76 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच जम्मू & कश्मीर सरकार ने भी आगामी 6 july से राज्य के सभी स्कूलों में 10 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है।