देश की अर्थव्यवस्था और इसके लिए अहम योजनाओं को एकीकृत करने वाला नीति आयोग अपनी भूमिका के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा कि भारत के आत्मनिर्भर मिशन का मतलब बंद अर्थव्यवस्था का समर्थन नहीं है। उन्होंने कहा कि देश वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के साथ बेहतर जुड़ाव से ही अपने लोगों के लिये अच्छे नतीजे हासिल कर सकता है।
उन्होंने हाल में घोषित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत जापानी निवेशकों को यहां कंपनियां गठित करने के लिये आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत वैश्विक प्रवाह और क्षेत्रीय नेटवर्क के साथ अधिक एकीकरण को लेकर प्रतिबद्ध है।
हम चाहेंगे कि जापानी कंपनियां यहां आएं
कुमार ने ‘भारत और जापान में कोविड-19 के लिए नीतिगत कदम और आने वाले समय में आर्थिक सहयोग की संभावनाएं’ विषय पर 10वीं इक्रियर-पीआरआई कार्यशाला में कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि जापानी कंपनियां यहां आएं और पीएलआई योजना के तहत भारत को दुनिया के अन्य देशों के लिये निर्यात केंद्र बनाएं। मुझे लगता है कि हमने जो कदम उठाये हैं, उससे इसके लिये उपयुक्त परिवेश है। हम भारत में जापानी निवेश को आकर्षित करने के लिए जो भी आवश्यक होगा, वे कदम उठाते रहेंगे।’’
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कोविड स्थिति से निपटने और हमारी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने को लेकर उठाया गया कदम
उन्होंने इसके साथ ही आगे कहा, ‘‘…आत्मनिर्भर भारत के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना प्रधानमंत्री की तरफ से कोविड स्थिति से निपटने और हमारी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने को लेकर उठाया गया कदम है। मैं इस प्रकार की किसी भी आशंका को दूर करना चाहता हूं कि यह बंद अर्थव्यवस्था की ओर कदम नहीं है।’’ कुमार ने कहा कि भारत के लिये वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापार, सेवाओं, वित्तीय और तकनीकी पहलुओं के साथ अपने जुड़ाव से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि आने वाले समय में देश वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के साथ बेहतर जुड़ाव से ही अपने लोगों के लिये अच्छा परिणाम प्राप्त कर सकता है।’’ कुमार ने कहा कि जापान भारतीय अर्थव्यवस्था के हर पहलू में योगदान कर सकता है और वैश्विक मांग का लाभ उठाकर निर्यात बढ़ाने में मदद कर सकता है। साथ ही वैश्विक व्यापार में उच्च हिस्सेदारी हासिल कर सकता है।