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सात निश्चय योजनाओं से होगा विकास

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पटना  : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा के तीसरे चरण के दूसरे दिन सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड के राघोपुर गांव के वार्ड संख्या- 4 का भ्रमण कर सात निश्चय एवं अन्य विकासात्मक योजनाओं के तहत चल रहे कार्यों का जायजा लिया। राघोपुर के सिमराही में आयोजित जनसभा स्थल मंच से मुख्यमंत्री ने रिमोट के जरिये 304 करोड़ रुपये की लागत वाली 198 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।

राघोपुर गांव भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री का ग्रामीणों ने पाग पहनाकर और माला पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया। गांव भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण योजना के तहत निर्मित पक्की गली-नाली का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने शिलापट्ट अनावरण कर किया।

राघोपुर गांव के अमही टोला में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना अंतर्गत लोक स्वास्थ्य प्रमंडल सुपौल के अधीन निर्मित 36.91 लाख रुपये की लागत से सौर ऊर्जा चालित मिनी जलापूर्ति योजना का उद्घाटन रिबन काटकर एवं शिलापट्ट का अनावरण कर मुख्यमंत्री ने किया। राघोपुर पंचायत के वार्ड संख्या- 4 के महादलित टोला में आंगनबाड़ी केंद्र पर आरोग्य उत्सव के मौके पर लगे स्टॉल का अवलोकन कर मुख्यमंत्री ने पूरी जानकारी ली।

राघोपुर में नन्दी जीविका महिला ग्राम संगठन से जुड़ी महिलाओं से मुलाकात कर मुख्यमंत्री ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का आग्रह किया। बैद्यनाथ मंडल सहित अन्य कई ग्रामवासियों से मुलाकात कर राघोपुर पंचायत में चल रहे विकास कार्यों की पूरी जानकारी से मुख्यमंत्री अवगत हुए। जनसभा स्थल मंच पर जिलाधिकारी ने पुष्प-गुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कार्यकर्ताओं एवं अन्य संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री का पाग, मखाना की माला एवं फूलों की माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया।

जिले के अंदर किये गए विकासात्मक कार्यों से संबंधित जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई पुस्तिकाओं का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। कला जत्था के कलाकारों ने सात निश्चय, शराबबंदी, नशामुक्ति, दहेज प्रथा एवं बाल-विवाह उन्मूलन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नाटक का मंचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण ठंड में इतनी बड़ी संख्या में आप सब उपस्थित हुए हैं, इसके लिए मैं आपको नमन करता हूं और हृदय से धन्यवाद देता हूं।

उन्होंने कहा कि हम जब से विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा पर निकले हैं, मौसम में परिवर्तन देखने को मिला है। कई दिनों से ठंड बढ़ी है लेकिन आज जितनी ठंड है, ऐसे में आप जिस प्रतिबद्धता और उल्लास के साथ उपस्थित हुए हैं, यह हमारे लिए उत्साहवद्र्धक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षा यात्रा के क्रम में हमने तय किया कि उन स्थलों और गांवों में जरूर जाएंगे, जहां विकास यात्रा के क्रम में वर्ष 2009 में गए थे।

उन्होंने कहा कि 12 जून 2009 को विकास यात्रा के दौरान हम इस स्थान पर आए थे और 2009 के बाद और उसके पहले भी अनेक बार यहां आए हैं। इस धरती को मेरा प्रणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2009 के पहले या उसके बाद हमने जो वादा किया है, उसके अनुरूप काम तेजी से हुआ है और निरंतर हो रहा है। 2008 में आई कोसी त्रासदी की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए थे और कोसी त्रासदी में लाखों लोग बेघर हुये थे। उन्होंने कहा कि हमने राहत कार्य चलाया, जो संभव था किया।

इसके लिए शौचालय, पेयजल की व्यवस्था, नाश्ते का इंतजाम, बच्चों की पढ़ाई की सुविधा, आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना जैसी अन्य कई सुविधाएं कोसी पीडि़तों को सहायता के रूप में पहुंचाई गई। एक-एक जगह 8000 से 10000 लोगों के रहने, खाने और उनके पहनने की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी भी टेक्नोलॉजी थी, उसके माध्यम से एक-एक गांव की जानकारी हमने ली।

उन्होंने कहा कि उस समय भी हमने ऐलान किया था कि कोसी को और भी बेहतर बनायेंगे। कोसी त्रासदी के दौरान केंद्र से मिले 1010 करोड़ रुपए की सहायता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी त्रासदी में जिस बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ था, उसके एवज में केंद्र से सहायता नहीं मिली। इसके बावजूद हमने इंतजार नहीं किया और विश्व बैंक से कर्ज लेकर हरसंभव कोशिश की और प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक फेज का काम पूरा हो गया है और दूसरे फेज पर काम जारी है। उन्होंने कहा कि कोसी को बेहतर बनाने के लिए 3400 करोड रुपए से ज्यादा की योजना पर हम काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ढाई सौ तक की आबादी वाले गांवों को पक्की सड़क से जोडऩे का फैसला लिया है। उन सभी छोटे-बड़े गांव में जहां अधिकांश तौर पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और पिछड़े समाज के लोग रहते हैं, उनको भी पक्की सड़क से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राघोपुर पंचायत के वार्ड संख्या- 4 में विकास कार्यों को देखने हम गए थे और वहां जो काम हुए हैं, उसको देख कर मुझे काफी खुशी हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत हर घर तक पक्की नाली गली, हर घर शौचालय निर्माण, हर घर बिजली कनेक्शन की उपलब्धता के साथ-साथ हर घर नल का जल अगले 4 वर्षों में हर सूरते हाल में पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि लोहिया स्वच्छ बिहार योजना के अंतर्गत जितनी जल्दी संभव हो सके पूरे बिहार में हर घर तक शौचालय निर्माण करवाने की कोशिश में जुटा हूॅ। शौचालय निर्माण को लेकर राष्ट्रीय योजना के तहत भी काम जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल जाए और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए तो 90 प्रतिशत बीमारियों से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में पानी गुणवत्ता प्रभावित है, वहां पीएचईडी विभाग के माध्यम से विकेंद्रीकृत तरीके से स्वच्छ पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। अगले 4 वर्ष के अंदर पूरे बिहार में हर घर नल का जल की उपलब्धता करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2017 के पहले हर गांव तक बिजली पहुंचाने का हमारा लक्ष्य था और उसके अनुरूप हर घर बिजली पहुंचा दी गई है।

अब ऐसे में जो कुछ टोले बचे हैं, वहां अप्रैल 2018 तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। वहीं जो भी परिवार हैं, उन तक इस साल के अंत तक बिजली का कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो काम हो रहा है, इसके लिए मैं अधिकारियों को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि बीच के कुछ महीनों में मुखिया जी बहकावे में आ गए थे, जिसके कारण विकास का काम कुछ समय के लिए बाधित हो गया था, जबकि गांव में विकास का काम हो रहा है तो इससे मुखिया जी की प्रतिष्ठा घटने के बजाय बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि वार्ड मेंबर भी चुने हुए प्रतिनिधि हैं। बापू के चंपारण सत्याग्रह की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सौ साल पहले बापू चंपारण आए थे और हम उसका शताब्दी वर्ष मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेपी के आंदोलन में भी हम भाग लेते रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी और लोहिया जी कहा करते थे कि विकेंद्रीकृत तरीके से विकास का काम होना चाहिए, जिसका फायदा जन-जन तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 के नवंबर माह में जब हमने बिहार की बागडोर संभाली थी, तब साढ़े बारह प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर थे, जिसको देखते हुए हमने नए स्कूलों के निर्माण, पुराने स्कूलों में कमरों के निर्माण के साथ-साथ मिडिल स्कूलों की घेराबंदी कराई।

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