लुधियाना-पटियाला : एसजीपीसी के नवनियुक्त 42वें प्रधान गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल का शुक्रवार को पटियाला स्थित गुरूद्वारा दुख निवारण पर नतमस्तक होने पर पूर्व प्रधान कृपाल सिंह बडूंगर और सिख संगत ने जी आया कहते हुए गुरूघर में उन्हें सिरौपा भेंट किए जबकि प्रधानगी हासिल करने के बाद ही लौंगोवाल का आज एसएएस नगर मोहाली के ऐतिहासिक गुरूद्वारा अमब साहिब में माथा टेकने उपरांत यूनाइटेड सिख फौरम के सिख प्रतिनिधियों ने काली झंडिया दिखाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया।
हालांकि कमेटी के प्रधान ने अपनी कोई भी प्रतिक्रिया जारी नहीं की। किंतु बीते दिनों श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा डेरा सच्चा सौदा समर्थकों के पास विधानसभा चुनावों के दौरान वोटें मांगने पर तनखाईयां करार किए जाने पर उन्होंने कहा कि मैं कभी भी डेरा सिरसा नहीं गया और ना ही कभी वहां जाकर वोटें मांगी। हालांकि लौंगोवाल श्री अकाल तख्त साहिब पर इस मामले में सजा भुगत चुके है।
स्मरण रहे कि 7 महीने पहले हुई अकाल तख्त साहिब की कार्यवाही पर बड़े सवाल खड़े हो गए है। सिख संगत का यह भी कहना है कि कमेटी प्रधान का यह बयान कि वह कभी डेरा सिरसा वोट मांगने नहीं गए तो उनको श्री अकाल तख्त साहिब पर तनखाईयंा करार क्यों दिया गया। संगत का यह भी पूछना है कि गोबिंदसिंह लौंगोवाल ने अगर कोई गलती नहीं की थी तो सजा मिलते वक्त लौंगोवाल ने आवाज क्यों नही उठाई? अगर लौंगोवाल बेगुनाह है तो उन्हें तनखाईयां के तौर पर लगी सजा क्यों भुगती? इस दौरान लोंगोवाल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वह एसजीपीसी द्वारा अधूरे कामों को पूरा करने का प्रयास करेंगे ओर गुरूमत लहर को प्रफुल्लित करने के लिए पूर्व प्रधान को साथ लेकर सिख लहर को आगे बढ़ाएंगे।
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– सुनीलराय कामरेड