केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू एवं कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का एक प्रस्ताव तथा ‘जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004’ संशोधन विधेयक आज राज्यसभा में पेश किया। दोनों प्रस्ताव लोकसभा में शुक्रवार को पारित हो चुके हैं। हालांकि राज्यसभा में बीजेडी और समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रपति शासन वहीं तृणमूल कांग्रेस ने जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण अधिनियम प्रस्ताव का समर्थन किया है।
राज्यसभा में प्रस्ताव पक्ष करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, जम्मू कश्मीर में 2 जुलाई को राष्ट्रपति शासन की अवधि खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि 20 जून 2018 को पीडीपी सरकार के पास समर्थन न होने की वजह और फिर किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया। इसके बाद वहां 6 माह के लिए राज्यपाल शासन लगाया गया, इसके बाद राज्यपाल ने 21 नवंबर 2018 को विधानसभा भंग कर दी।
राज्यपाल शासन के बाद केंद्र सरकार ने 256 का इस्तेमार कर 20 दिसंबर 2018 से राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया। आज का प्रस्ताव इस शासन को और 6 माह बढ़ाने का प्रस्ताव है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता राम गोपाल यादव ने राज्यसभा में घोषणा की कि पार्टी जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के 6 महीने तक विस्तार का समर्थन करेगी।