शारदेय नवरात्रि की आज शुरूआत होते ही मंदिरों और घरों में मां का दरबार सज गया । आज पहले दिन शैल पुत्री की पूजा हुई । देवी कई विशेष योग संयोग के साथ घोड़े पर सवार हो के आई हैं। घरों और मंदिरों में कलश स्थापना की गई और मां दुर्गा के चरणों में लोगों ने शीश नवाये।
मां के नौ रूपों के दर्शन के लिये आज सुबह से ही मंदिरोंं में भक्तों की कतार लगने लगी ।मां दुर्गा के सभी मंदिरों में कोरोना को देखते हुये भक्तों के प्रवेश को लेकर विशेष इंतजाम किये गये हैं।
राजधानी लखनऊ के सबसे बड़ी सिद्धपीठ चौक की बड़ी और छोटी काली मंदिर में घंटा बजाना और ज्योत जलाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। मां के गर्भ गृह में जाने पर रोक लगा दी गई है तथा दर्शन के लिये गोले बना दिये गये हैं। सामान्य दूरी का पालन करते हुये भक्त गोले में ही खड़ हो रहे हैं।
पुराने लखनऊ के चौपटिया के संदाहन देवी मंदिर में भक्त खुद प्रसाद चढ़ रहे हैं। मंदिर में बच्चों और बुजुर्गों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चौक की काली मंदिर के पास हर साल लगने वाले मेले पर भी इस बार प्रतिबंध लगा दिया गया है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 1962 के बाद 58 साल के अंतराल में शनि और गुरू नवरात्रि में अपनी अपनी राशि में विराजे हैं। इस बार कोई तिथि क्षय नहीं है। नवरात्र आज से 25 अक्तूबर तक है।25 अक्तूबर को नवमीं तिथि सुबह आठ बजे के पहले समाप्त हो जायेगी।