कोरोना वायरस फैलने पर चिंता व्यक्त करते हुये रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को सुझाव दिया है कि अर्थव्यवस्था पर इस संक्रामक बीमारी के प्रसार के आर्थिक प्रभावों से निपटने के लिये आकस्मिक योजना तैयार रखी जानी चाहिये। उन्होंने अपने एक वक्तव्य में कहा है कि चीन में कोरोना वायरस शुरू होने और दुनिया के विभिन्न देशों तक इसके फैलने का वैश्चक पर्यटन और व्यापार पर प्रभाव पड़ेगा।
इसका शेयर बाजार और कच्चे तेल का बाजार भी असर होगा। रिजर्व बैंक की 2019- 20 की छठी द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय बाजार दिसंबर 2019 में मजबूत बने रहे और जनवरी 2020 के भी ज्यादातर समय इनमें स्थिति ठीकठाक रही। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार रिश्तों में तनाव कम होने और ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की बहुप्रतिक्षित प्रक्रिया व्यवस्थित ढंग से हो जाने पर निवेशकों की धारणा में सुधार रहा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस का विस्तार और प्रभाव अभी भी अनिश्चित बना हुआ है और यह अभी समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में उन्होंने इसके अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये आकस्मिक योजना तैयार किये जाने पर जोर दिया है। आरबीआई वक्तव्य में कहा गया है कि जनवरी की शुरुआत में अमेरिका- ईरान के बीच तनाव बढ़ने से कच्चे तेल और सोने के दाम चढ़ गये। हालांकि, बाद में मध्य जनवरी के बाद तनाव में कुछ नरमी आने से इनके भाव भी नीचे आ गये।
रिजर्व बैंक के पास आर्थिक वृद्धि दर को तेज करने के अन्य उपाय हैं: शक्तिकांत दास
जनवरी अंत के आसपास कोरोना वायरस बीमारी फैलने से कच्चे तेल के दाम बिकवाली दबाव से टूटने लगे जबकि सुरक्षित निवेश को लेकर सोने की मांग बढ़ने लगी। कोरोना वायरस के फैलने के बाद दुनिया के कई देशों ने चीन को जाने वाली और वहां से आने वाली उड़ानों को रद्द कर दिया। चीन के हुबेई प्रांत से शुरू हुई इस बीमारी को फैलने से रोकने के कदम उठाते हुये भारत ने भी चीन से लोगों की आवाजाही को रोक दिया। कई अन्य देशों ने भी यह कदम उठाया।