पटना : गुजरात में भी एक सीट नीतीश कुमार के उम्मीदवार नहीं जीत सके उल्टे वहां पर उनकी जमानत भी जब्त हो गयी। गुजरात में शरद यादव के नेतृत्व में भारतीय ट्राइबल पार्टी के चुनाव चिन्ह में कांग्रेस से मिलकर चार सीटों पर विधानसभा का चुनाव लड़ाया था जिसमें से चार उम्मीदवारों में दो उम्मीदवार छोटू भाई वसावा विधानसभा क्षेत्र से और महेश वसावा भी जीते।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 100 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारा जहां उनके अधिकांश उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाये। ये बातें राजधानी के स्थानीय होटल में जनता दल यूनाईटेड शरद गुट के राष्ट्रीय महासचिव अरूण कुमार श्रीवास्तव एवं प्रदेश अध्यक्ष रमई राम ने संयुक्त प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि गुजरात के मतदाताओं को बीच में भ्रम पैदा करने के लिए उम्मीदवार छोटू भाई वसावा के विरोध में नीतीश कुमार उनके खिलाफ उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र झगड़िया से उम्मीदवार बनाया है, वह भी हार गये। जब नीतीश कुमार खुद गुजरात में चुनाव लड़ रहे थे लेकिन वहां पर चुनाव प्रचार के लिए एक दिन भी नहीं गये।
उनके एक नेता के.सी. त्यागी एक दिन के लिए अहमदाबाद जरूर गये थे लेकिन प्रेस कांफ्रैंस कर वापस चले आये और चुनाव प्रचार में नहीं गये। नीतीश कुमार को करारी हार के बाद गुजरात की जनता ने यह साबित कर दिया कि शरद गुट ही असली जदयू है। केरल के राज्यसभा सदस्य विरेन्द्र कुमार ने अपनी सदस्यता से आज त्याग पत्र दे दिया। वे पहले जदयू के प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी थे मगर नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद वे विक्षुब्ध होकर राज्यसभा से त्याग पत्र दे दिये।
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि सभापति के इसी अलोकतांत्रिक फैसले के खिलाफ तत्कालीन राज्यसभा सांसद शरद यादव और अली अनवर दिल्ली उच्च न्यायालय गये, उच्च न्यायालय ने राज्यसभा के सभापति एवं जदयू सांसद आरसीपी सिंह को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने को कहा है। न्यायालय ने फैसले आने तक सांसद को मिलने वाली सारी सुविधाओं को बहाल रखने का आदेश दिया है। आगामी 1 मार्च को न्यायालय में इस मामले की सुनवाई होगी।
उन्होंने कहा कि सदस्यता समाप्त करने के लिए सभापति के फैसले के खिलाफ राज्यसभा में कई सांसदों ने अपनी बात रखनी चाहिए। लेकिन सभापति की ओर से अनुमति नहीं मिलने के कारण ही हमने अब इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाने का निर्णय लिया है। उसी निर्णय के तहत हमलोगों ने कल लोकतंत्र बचाओ मार्च निकाला और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर मनीष कुमार, बिन्देश्वरी सिंह समेत अन्य पार्टी कार्यकत्र्ता उपस्थित थे।
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